मुजफ्फर हुसैन अंसारी संवाददाता, रांची
केपीआर मिल्स झारखंड के 12,000 श्रमिकों को काम पर रखेगा।
रांची:- कोयम्बटूर स्थित केपीआर मिल्स अपनी आगामी विस्तार योजना के लिए झारखंड के 12,000 श्रमिकों को काम पर रखेगा। कंपनी झारखंड से अपने नए कर्मचारियों को मासिक पारिश्रमिक रुपये का भुगतान करने के लिए सहमत हुई है। 12,000 और उनके भोजन और रहने का ख्याल रखेगा। इनमें से ज्यादातर कार्यकर्ता महिलाएं होंगी और पहले चरण में लगभग 2,000 महिलाओं को काम पर रखा जाएगा। कंपनी और राज्य सरकार जल्द ही इस संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) शुरू करेंगे। राज्य श्रम विभाग कोयम्बटूर स्थित कंपनी की उत्पादन इकाइयों के लिए आवधिक यात्राओं का आयोजन करेगा और काम पर रखने वाले कर्मचारियों की स्थिति और कल्याण का आकलन करेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के श्रम आयुक्त ए मुथुकुमार ने इसे अद्वितीय और पथ तोड़ने वाला करार दिया। उन्होंने कहा “कंपनी ने अपने विस्तार परियोजनाओं के लिए हमें जनशक्ति के लिए संपर्क किया। हमने उन्हें राज्य श्रम विनिमय के साथ पंजीकृत किया है। ” राज्य सरकार ने कहा कि यह एक ऐसी विधि पर काम कर रहा है जिसके तहत राज्य से बाहर जाने वाले मजदूरों को उनकी वित्तीय स्थितियों और भलाई की भविष्य की निगरानी के लिए प्रलेखित किया जाएगा। इसने झारखंड के अधिकांश प्रवासियों को रोजगार देने का भी वादा किया है।
लॉकडाउन के दौरान, लगभग 4.5 लाख प्रवासी कर्मचारी पिछले साल अपने घरों में लौट आए। झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी (JSLPS) के माध्यम से, राज्य श्रम विभाग 20,000 प्रवासी श्रमिकों के कौशल का नक्शा बनाने में सक्षम रहा है। अब, विभाग उन्हें अपने कौशल सेट के आधार पर नियोक्ता खोजने में सक्षम होगा।
झारखंड की 12 हजार महिलाओं को कोयंबटूर के कॉटन मिल में नौकरी देने के लिए किए गए एमओयू के दौरान मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि विभाग के समाधान पोर्टल पर नियोजन कराने वाली महिलाओं को ही कोयंबटूर में नौकरी मिलेगी। उन्होंने केपीआर मिल के अधिकारियों से कहा कि महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। वे खुद भी कंपनी में जाकर वस्तुस्थिति से रूबरू होंगे। महिलाओं को श्रम कानून के तहत नौकरी दी जा रही है। वेतन के अलावा पहले दिन से पीएफ और ईएसआई कवर होगा। एमओयू की इन तमाम शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कल्याण अधिकारी भी कंपनी में नियुक्त होंगे। श्रम विभाग का कंट्रोल रूम इनके संपर्क में रहेगा ताकि किसी तरह की परेशानी का तत्काल समाधान किया जा सके। यह कंपनी माइग्रेंट एक्ट में रजिस्टर्ड है। दुर्घटना बीमा, चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि केपीआर में काम करके विवाह के लिए वापस लौटने वाले युवतियों को कन्याधन योजना के तहत 30 हजार रुपए उनके खाते में उपलब्ध कराया जाएगा। अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा। कैंप लगाकर होगी भर्ती, बेहतर काम पर प्रोत्साहन भी। केपीआर के प्रेसिडेंट पी रंगनाथन ने कहा कि कंपनी में महिलाओं को धागा काटने, लेंगिंग के लिए कपड़ा बनाने और रेडीमेट गार्मेंट तैयार करने के काम में लगाया जाएगा। यहां प्रतिदिन 1.25 लाख पीस कपड़े के बनते हैं। बेहतर काम करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि और प्रोन्नति भी दी जाएगी। कंपनी में 22 हजार कर्मी काम कर रहे हैं। इस समय झारखंड के 500 कर्मी काम कर भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहला बैच करीब 500 से 1000 महिलाओं का मार्च पहले हफ्ते में कोयंबटूर ले जाया जाएगा। नियुक्ति के लिए 26 फरवरी से राज्य के विभिन्न कौशल विकास केंद्रों पर भर्ती कैंप लगाया जाएगा। कंपनी ने एक साल में पूरे झारखंड से 10 से 12 हजार नियुक्तियों का लक्ष्य रखा है।