राँची: कोरोना संकट में हर कोई अपने-अपने ढंग से समाज की मदद कर रहा है। ऐसे ही एक युवा रवि गोप
रांची के छात्र है और जो कोरोना संकट के
समय लोगों की मदद के लिए आगे आए और सहायता कार्य में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। रवि गोप
लोहरदगा जिले के मसमानो गांव निवासी हैं। वे लॉकडाउन के एक दिन पहले अपने गांव आ गये थे।
गांव आने के बाद उन्होंने देखा कि गांव के लोग बिना मास्क के इधर-उधर घूम रहे हैं और सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रहे हैं।
इसके बाद उन्होंने लोगों को जागरूक करना शुरू किया और उन्हें मास्क का उपयोग करने, हाथों की
सफाई तथा सोशल डिस्टेसिंग नियम आदि के बारे में बताया। कुछ लोगों ने उनकी बातों को ध्यान से
सुनकर उस पर अमल किया, तो कुछ लोगों ने अनसुना कर दिया। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी
और लोगों को बीमारी के सावधानियों के प्रति जागरूक करते रहे। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के
लिए अपने खर्चे से 300 से अधिक मास्क का वितरण किया। कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने
की भावना को देखकर लोग धीरे-धीरे उनकी बातों पर अमल करने लगे। अब गांववासी घर से बाहर
निकलने पर मास्क का उपयोग करने लगे तथा सोशल डिस्टेसिंग नियम का भी पालन करने लगे।
समस्या तब खड़ी हुई जब दूसरे प्रदेशों से लोग गांव की ओर लौटने लगे। गांव में आने के बाद ये लोग
इधर-उधर घूमने लगे और दूसरों के घरों में आना-जाना करने लगे। इसके साथ ही ये लोग शराब आदि
नशीली वस्तुओं का भी खुलेआम सेवन कर रहे थे और जगह-जगह भीड़ भी इकट्ठी कर रहे थे और
कोरोना से बचाव के लिए सरकार के द्वारा जारी की गई नियमों की अवहेलना कर रहे थे।
लोगों की इस लापरवाह रवैए ने रवि गोप को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने सोचा कि इस तरह से
तो उनके अब तक के किए गए सभी अच्छे कार्यों पर पानी फिर जाएगा। इसके बाद उन्होंने गांव की
महिला मंडली के साथ बैठक की और शराब एवं नशीली पदार्थों के सेवन को रोकने में उनका सहयोग
मांगा। महिला मंडली ने इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग दिया और अभियान चलाकर गांव में चल रहे
इस धंधे को बंद करवाया।
उन्होंने कोरोना पर एक लघु फिल्म भी बनाई है, जिसमें बताया गया है कि इसके कारण कैसे आम लोगों
और बच्चों के जीवन पर प्रभाव पड़ा है। वे इस फिल्म को गांव के चौपाल पर भी लोगों को दिखाते हैं,
जिसका काफी असर गांव के लोगों पर पड़ा है। और अब ये काफी जागरूक होकर कोरोना से बचाव के उपायों को अपना रहे हैं। इसका श्रेय रवि गोप जैसे युवा को जाता है, जिन्होंने अपने प्रयास से लोगों को
जागरूक करके न केवल अपने गांव, बल्कि आसपास के गांवों को भी कोरोना के खतरे से बचाया है।