बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे. शुरुआती पढ़ाई गांव से पूरी करने के बाद उन्होंने गिरिडीह कॉलेज में दाखिला लिया इस दौरान वह संघ और आरएसएस में काम करते रहे उन्हें विश्व हिन्दू परिषद का सचिव बनाया गया. भाजपा ने 1991 में यहां से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया लेकिन इस सीट से बाबूलाल जीत नहीं पाये. साल 1996 में एक बार फिर वे शिबू सोरेन से इसी सीट पर मात खा गए. इस हार के बाद भी पार्टी ने उन पर भरोसा किया औऱ 1998 के विधानसभा चुनाव के लिए मरांडी को भाजपा का अध्यक्ष बना दिया . इसी साल हुए आम चुनाव में वे जीतने में कामयाब रहे. 1999 में अटल सरकार में उन्हें वन पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया. 2000 में झारखंड राज्य बनने के बाद एनडीए सरकार में बाबूलाल ने राज्य में सरकार बनाई.
साल 2003 में अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बना दिया गया. 2004 के लोकसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा सीट से चुनाव जीता. 2006 में कोडरमा सीट सहित बीजेपी की सदस्यता से भी इस्तीफा देकर ‘झारखंड विकास मोर्चा’ नाम से नयी राजनीतिक पार्टी बनाई. 2014 के चुनाव में बाबूलाल की पार्टी ने 8 विधानसभा सीटों पर कब्जा किया. भाजपा ने उनके छह विधायकों को अपनी पार्टी में कर लिया. 2014 में बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की बात लगभग तय माना जा रहा था लेकिन बाबूलाल ने फैसला लेने में समय लिया और उनके विधायक भाजपा में चले गये. अब एक बार फिर बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज