शिक्षक समेत मदरसा के लोगों ने थपथपाई पीठ कड़े परिश्रम और मेहनत से हुआ संभव
चान्हो: मदरसा दारुल उलूम क़समिया बलसोकरा में 15 साल के हाफिज शहनूर अंसारी ने 9 घण्टे में पूरे क़ुरआन पाक को बिना देखे सुनाया है ।
क़ुरान सुन रहे मोलाना दिलावर हुसैन ने कहा कि हाफ़िज़ शाहनूर अंसारी ने सुबह 6 बजे से क़ुरान सुनना शुरू किया और दोपहर 3 बजे खत्म हुआ आगे उन्होंने कहा कि कुरान पढ़ने वाले लोगों को अल्लाह कुरान पढ़ने में मदद करता है इसीलिए ऐसे लोग एक समय में ही कुरान आसानी से खत्म कर देते हैं।
वहीं हाफिज शाहिनूर के पिता मौलाना महिउद्दीन ने बताया कि शुरू से ही बच्चा पढ़ने में तेज था शुरुआती पढ़ाई उन्होंने गुमला जिले के बसुआ में पढ़ाई हुई फिर राँची के मदसा हुसैनिया में पढ़ाई पूरी की एक साल पहले कोरोना वाइरस के कारण लॉक डाउन हुआ तो पढ़ाई छूट गयी थी फिर इस साल मदरसा दारुल उलूम क़समिया में पढ़ाई पूरी की
हाफ़िज़ शाहेनूर ने बताया कि अल्लाह का अल्लाह का मदद और कड़ी परिश्रम का नतीजा है कि आज मैं आसानी क़ुरान पढ़कर सुनाया किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।
हाल ही में चर्चा में आए वसीम रिजवी जिसने कुरान पाक से 26 आयतें हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल किया है
मगर वसीम रिज़्वी के ये कँहा पता था ऐसे लाखों करोड़ों हाफिज़ हैं जिनहोने बिना देखे याद किया है पूरा क़ुरान।