विपक्षी दलों के 20 से ज्यादा नेताओं ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी
नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश , सांसद असदुद्दीन ओवैसी , टीएमसी की महुआ मोइत्रा , आरजेडी के मनोज झा , जमीयत उलेमा ए हिंद , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत 20 से ज्यादा नेताओं ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। चुनौती देने वाले नेताओं का कहना है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। नेताओं ने इस कानून के माध्यम से देश का सामाजिक सौहार्द खराब होने का आरोप लगाया है। इन नेताओं का यह भी मानना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत के खिलाफ है। दायर याचिका में कहा गया था कि यह कानून धर्मनिरपेक्षतावाद का उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें धार्मिक समूहों के खिलाफ भेदभाव की दुर्भावना के साथ नागरिकता मुहैया कराने में कुछ लोगों को बाहर रखा गया है।