झारखंड / ट्विटर पर शिकायत के बाद हेमंत सोरेन ने दिया कार्रवाई का निर्देश, कोडरमा के डीसी ने गठित की जांच टीम
स्कूल बस जो 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आ गई थी।
ग्रामीणों ने 11 हजार वोल्ट के झूलते तार की विभाग से की थी शिकायत
सात जनवरी को तार की चपेट में आई थी स्कूल बस, एक महिला बुरी तरह झुलसी थी
रांची. कोडरमा चंदवारा के ग्रामीणों ने शुक्रवार को ट्विटर पर शिकायत की थी कि 11,000 वोल्ट के तार के लटकने की सूचना विभाग को दी गयी थी। लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से एकमहिला गंभीर तरीके से घायल हो गई थी। घटना के बाद स्कूल के वाहन को जिम्मेदार बताते हुए केस दर्ज कराया गया था। फिर विभागीय लापरवाही को आधार बनाते हुए चंदवारा के निवासी मनोज वर्णवाल ने डैम ओपी में आवेदन देकरविद्युत विभाग के पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया था। इस मामले में ग्रामीणों ने कोडरमा जेएमएम के ट्विटर अकाउंट पर शिकायत की जिसके बाद मुख्यमंत्री ने डीसी कोडरमा को जांच के लिए कहा और दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।
डीसी ने गठित की जांच टीम
डीसी कोडरमा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी कि मामला संज्ञान में आने पर दो सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया गया है और जांच का आदेश दिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
पिपराडीह पंचायत भवन के पास सात जनवरी को 11 हजार वोल्ट के झूलते तार की चपेट में आने से स्कूल बस में बैठे दर्जनों बच्चे बाल-बाल बच गए थे जबकि एक महिला संगीता देवी बुरी तरह झुलस गई थी। तार झूलने की सूचना कई बारलिखित व मौखिक रूप से ग्रामीणों द्वारा विभाग के कार्यपालक अभियंता, एसडीओ, जेई, लाइनमैन आदि को दी गई थी। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। उनकी लापरवाही से उक्त महिला करंट की चपेट में आ गई। आवेदन में कहा गया था किघटना के बाद पदाधिकारी उक्त महिला के घर पहुंचे और मुकदमा नहीं करने की धमकी दी। मुकदमा करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि मुखिया धीरज कुमार द्वारा भी विभाग को झूलते तार की सूचना दी गई थी।ग्रामीणों ने मांग की थी कि उपरोक्त अधिकारियों व पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।