हठधर्मी छोड़ किसान विरोधी कृषि कानून वापस ले मोदी सरकार : अयुब खान
चंदवा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) झारखंड राज्य किसान सभा लातेहार, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा, भारत एकता मिशन ने संयुक्त रूप से दिल्ली बॉर्डर में नए कृषि कानुनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अन्नदाता किसानों पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ पेंशनर समाज परिसर से केंद्र की भाजपा सरकार का शव यात्रा निकाली, इंदिरा गांधी चौंक में पुतला फुंका, सभा की, इसमें शामिल लोग दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिसिया दमन बंद करो, किसान विरोधी नरेंद्र मोदी सरकार होस में आओ, नए कृषि बिल वापस लो आदि नारे लगा रहे थे, इसका नेतृत्व माकपा के ललन राम, झारखंड राज्य किसान सभा लातेहार के जिला अध्यक्ष अयुब खान, भारत एकता मिशन (भीम आर्मी) के जिला अध्यक्ष बिरेंद्र कुमार राम, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के सचिव जितेंद्र सिंह कर रहे थे, सभा कि अध्यक्षता साजीद खान ने की, उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए माकपा के जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान विरोधी नए कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसान जब आंदोलन के लिए संगठित होकर देश के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर – मंतर में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे इसी बीच केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने निहत्थे अन्नदाता किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया, उन्हें दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया गया, उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, कड़कड़ाती ठंढ में पानी की बौछार की गई ताकि वे डरकर घर को वापस लौट जाएं, किसान सभा जिला अध्यक्ष अयुब खान ने कहा कि किसानों के खिलाफ पुलिस का इस्तेमाल सरकार ने इस तरह किया मानो वे इस देश के नागरिक नहीं है देश के दुश्मन हैं, किसानों को रोकने के लिए बनी बनाई सड़कों को खोद दिया गया, दुनिया में ऐसा कोई लोकतांत्रिक देश नहीं होगा जहां देशवासियों को पेट भरने वाले किसानों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया गया हो, कृषि कानूनों को सरकार कृषि सुधारों के लिए अहम बता रही है जो पुरी तरह झुठ है, पीएम मोदी किसानों को भरोसा दिला रहे हैं कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी, लेकिन यह भरोसा वह कानून में लिखित तौर पर नहीं दे रहे हैं इसलिए किसान सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं, बिरेंद्र कुमार राम, जितेन्द्र सिंह, रविशंकर जाटव, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश कुमार उरांव ने कहा जिन किसानों की उपजाए अनाज से सभी की पेट भरता हो वैसे किसानों को इतनी ठंड में अपने हक अधिकार कि मांगों को लेकर सड़कों पर रहना पड़े इससे देश के लिए और दुर्भाग्य क्या हो सकती है, दिल्ली की सीमा पर लगातार छह दिन से किसान आंदोलनरत हैं और सरकार किसानों की मांगों के प्रति बेपरवाह बनी हुई है, सरकार को हठधर्मी छोड़कर किसान विरोधी कृषि कानून तत्काल वापस लेना चाहिए, किसान अकेला नहीं है हम सभी उनके साथ हैं, कृषि कानून के खिलाफ और संघर्षरत किसानों के समर्थन में आंदोलन करने की आह्वान देशवासियों किया गया है, इस अवसर पर शोभन उरांव, रंथु गंझु, दिनेश उरांव, ललन राम, सदाम खान, सुलेन्द्र गंझु, साजीद खान, सनीफ मियां, ननकु मियां, रमजान सांई, राहुल गंझु, सनियां मुंडा, दसवा परहैया, सवना हेरेंज, जितेन्द्र सिंह, शोहरी देवी, सरस्वती देवी उषा देवी, रसीद खान, सुजीत कुमार, मुनेश गंझु, सरयु उरांव, रामकेश्वर सिंह, फुलचंद गंझु, नवल मिंज, मदन उरांव, धर्मलाल उरांव, बिरेंद्र कुमार, रविशंकर जाटव, गौतम रजक, संजय राम, राज राम, करण उरांव, अम्रित वासपति, सुरज वासपति सहित कई लोग शामिल थे।
3 से 10 दिसंम्बर तक झारखंड राज्य किसान सभा विरोध सप्ताह मनाएगी, इसके तहत मिटिंग सभा पुतला दहन जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे।