नई दिल्ली, 1 फरवरी | जमाअत इस्लामी हिंद ने शनिवार को पिछले डेढ़ महीने से राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर संसद के बजट सत्र में विशेष बहस की मांग की है.
ज्ञात हो कि शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया. इसके साथ ही संसद के बजट सत्र का पहला चरण शुक्रवार से शुरू हो गया.
दिल्ली स्थित अपने राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में जमाअत के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने मीडिया को संबोधित किया जिसमें CAA, NRC और NPR पर देश भर के विभिन्न राज्यों और महानगरों में लाखों लोगों द्वारा चौतरफा विरोध प्रदर्शन के बावजूद इस मुद्दे पर सरकार के उदासीन रवैये पर दुख और अफ़सोस जताया.
इस प्रेस वार्ता में जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद जाफ़र और मोहम्मद सलीम इंजीनियर मौजूद थे.
जमाअत प्रमुख, सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अपना रुख दोहराते हुए कहा कि, “सीएए-एनआरसी-एनपीआर, तीनों का पैकेज मिलकर देश और देशवासियों के लिए घातक है जिसके विरुद्ध पिछले डेढ़ महीने से देशभर में प्रदर्शन चल रहा है. इसलिए सरकार को इस पूरे पैकेज को वापस लेना चाहिए.”