मुजफ्फर हुसैन अंसारी संवाददाता, रांची
मैं तुम्हें अपने उसूलों की कसम देता हूं, मुझको मजहब की तराजू में ना तौला जाए। मुझको हिंदू या मुसलमान ना समझा जाए। मैंने इंसान ही रहने की कसम खाई है।
“हिन्दू, मुस्लिम, सिख ईशाई हम वतन हम नाम है, जो करे इसको जुदा ये मजहब नहीं ईल्जाम है”।
एक परिवार के 3 युवक काहिन्दू-मुस्लिम भाई की बेहद मिसाल देने वाली मौत, सुभाष नामक युवक को बचाने में एक परिवार में 3 की मौत।
सुभास महतो के साथ 2 हुटुप का युवक नहाने गया अहम् सुराग, पुलिस के गिरफ्त से बाहर।
रांची:- रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र के रुक्का डैम में सोमवार को ओरमांझी डैम में डूबे तीन युवकों से बढ़कर चारों युवकों का शव बरामद हो गया है। सोमवार को दो शव स्थानीय लोगों ने निकाला था। जबकि दो युवक एहतेसाम अली 19 वर्ष पिता अमजद अली, ग्राम – नेजाम नगर पाहन टोली ईरबा और सुभाष महतो 18 वर्ष , पिता – बृजलाल महतो , ग्राम – हुटुप का शव सुबह 8:00 बजे एनडीआरएफ की टीम ने पानी से ढूंढ निकाला। सूत्रों की माने तो सुभाष महतो की डैम में डूबने की जानकारी परिजनों एवंआसपास लोगों को मिला। बताया जा रहा है जब सुभाष महतो, पिता बिजलाल महतो, हुटुप, इरबा जब अपने घर नहीं पहुँचा। उसके बाद परिजनों ने खोजबीन शुरू करने के बाद पता चला कि वह डैम में नहाने गया था।
एक परिवार के 3 युवक का हिन्दू-मुस्लिम भाई की बेहद मिसाल देने वाली मौत, सुभाष नामक युवक को बचाने में एक परिवार में 3 की मौत
जानकारी देते चले कि सोमवार को इरबा (कोयलारी) निवासी अमजद अली के परिवार के नवयुवक रुक्का-सालहन पुल के नीचे डैम में नहाने गए थे। नहाने के दौरान अमजद अली के बेटा मोहम्मद एहतेसाम अली 19 वर्ष, भगीना मोहम्मद रिजवान उर्फ लुड्डू 18 वर्ष, पिता – फुरकान, ग्राम-नेजाम नगर पाहन टोली ईरबा व अमजद अली के दामाद बनारस के नसरुद्दीन उर्फ राजा 28 वर्ष, पिता – कमरूद्दीन, पता – सी० आई 13/1227 सेगम बिहार हमदर्द नगर दक्षिण दिल्ली वर्तमान पता-नेजाम नगर पाहन टोली ईरबा डूब गए।बताया गया कि सभी लोग तीन बाइक से रुक्का डैम पर नहाने के लिए गए थे। इस दौरान वे वीडियो बनाने के लिए पुल से स्टंट कर रहे थे। इसी दौरान सुभाष महतो एक युवक डूब रहा था। उसे बचाने में तीन और लोग डूब गए।
सुभास महतो के साथ 2 हुटुप का युवक नहाने गया अहम् सुराग, पुलिस के गिरफ्त से बाहर।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब युवक स्टंट बाजी कर रहे थे। एक युवक जिसका नाम सुभाष महतो बताया जा रहा है पानी मे डूब रहा था। उसे बचाने के दौरान एक-एक करके सभी मुस्लिम परिवार के 3 युवक डूब गए। घटना की सूचना इलाके में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते परिजन के अलावा स्थानीय लोग इरबा-सालहन के सैकड़ों लोग पहुंच गए। मौजूद ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी अनुसार मृतक सुभाष महतो, पिता बृजलाल महतो के साथ और भी दो अन्य लड़के थे। डुबने के पश्चात वहाँ से 2 लड़का भाग गए और किन्हीं को इस बात की खबर भी नहीं दिए। लेकिन पुलिस के तरफ से जांच जारी है। पुलिस के हतथे और कानून से कोई नहीं बच सकता है। सुभास महतो के साथ नहाने गया हुआ 2 लड़का भाग निकला। बहुत सारी बातें अभी अधूरा है लेकिन क्यास लगाया जा रहा है। भागा हुआ 2 लड़का हुटुप बस्ती का है और सुभाष महतो की डूबने की वजह भागा हुआ 2 लड़का गिरफ्त में आएगा तब पता चलेगा। जानकारी के अनुसार एक नाम का अभी तक पता लगभग चल चूका है। प्रशासन की काम आगे कब और कैसे आखरी तह तक पहुंचना है।
सवाल के घेरे में कुछ बातें।
सुभास महतो के साथ गया हुआ 2 लड़का आखिर क्यूँ भाग निकला
सुभाष महतो अपने परिवार में छोटा और होनहार बच्चा था। शायद आपसी रंजिस में जान कर कोई धकेल दिया होगा
आखिर दोनों भागा हुआ हुटुप का लड़का है। फिर मौन धारण करके क्यूँ बैठा रहा
डूबने और डुबाने में क्या फर्क है, जिसको लेकर 2 लड़का भागा हुआ है
ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया कि मृतक सुभाष महतो को पानी में डुबते देखकर आनन-फानन में कपड़े उतारा और पुल के उपर से ही बचाने के लिए 3 मुस्लिम लड़का छ्लांग लगा दिया। अंदाजा नहीं लगा पाया की कितनी भयंकर भंवर है जो हमलोगों को ही खिंच ले जाएगी?
ईद का खुशियाँ बनाने आये हुए होनहार युवक इंसानियत को जिन्दा रखते हुए मौत को गले लगा लिया।
नसीरुद्दीन अपनी ससुराल ईरबा ईद मनाने के लिए आया हुआ था। घटनास्थल पर मौजूद मोहम्मद समीर ने बताया की दिन के 12:00 बजे तीन मोटरसाइकिल पर सवार होकर युवक यहां पर नहाने के लिए आये थे। तभी देखा कि एक शख्स पानी में डूब रहा है। उसी को बचाने के क्रम में ही इस तरह का हादसा का शिकार हो गये। लोगों के द्वारा अब यह आशंका जताई जा रही है की यदि यह हादसा नहीं होती तो शायद लगता है कि इस क्षेत्र के लोग सुभाष की मौत की खबर भी नहीं जान पाते। मृतक सुभाष बहूत ही संस्कारी और मृदुल भाषी तथा व्यवहारिक लड़का था। लोगों के मन में संशय का विषय बन गया है।
पिछले 19 साल पहले की रूह कापने वाला दास्तान।
ग्रामीण बुजुर्ग लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 में भी रुक्का डैम में नौका दुर्घटना होने से लगभग – 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस स्थान का नाम डायन कटवा है। ओरमांझी व अनगड़ा प्रखंड के बीच क्षेत्र में पड़ता है। आसपास के बुजुर्गों ने यह भी बताया कि यहाँ एक समय में डायन के नाम पर एक महिला को जिंदा गाड़ दिया गया था। जिसके कारण तब से लेकर आज तक इस जगह पर कुछ ना कुछ अप्रिय हादसा इसी तरीके का होते ही चला आ रहा है।
इरबा ग्रामीण के बुरे वक्त का मंजर।
ओरमांझी व अनगड़ा पुलिस भी सूचना प्राप्त होते ही मौके पर पहुँच गए। सोमवार को स्थानीय गोताखोरों की मदद से रिजवान उर्फ लुड्डू एवं राजा के शव को बाहर निकाल कर मेदांता ले जाया गया था। यहां चिकित्सकों ने दोनों की मौत की पुष्टि कर दी।
वहीं देर शाम तक एहतेसाम अली और सुभाष महतो की तलाश जारी थी। लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। बाद में पुलिस द्वारा एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया था। अंधेरा होने के कारण सोमवार को शव नहीं मिला। काफी मेहनत मशक्कत और गोताखोरों के निरंतर अथक प्रयास के बाद जाकर करीब 23 घंटे के बाद में सफलता मिली। लेकिन शवों के मिलने की खुशी नहीं बल्की मौजुद सभी लोगों के चेहरे पर मातमी छाई हुई नजर आ रही थी।
लोग बेहद शोक व्याप्त करते देखे जा रहे थे।
मौके पर उपस्तिथ खिजरी विधायक, पदाधिकारी एवं समाजसेवी।
घटना के बाद खिजरी विधायक राजेश कच्छप, सिल्ली डीएसपी, ओरमांझी सीओ विजय केरकेटा, ओरमांझी बीडीओ कुमार अभिनव स्वरूप, ओरमांझी थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, हुटुप चौकी के थाना प्रभारी जमादार मुण्डा, साकिर अंसारी, क्षेत्र के वरिष्ठ समाज सेवी अब्दुल सतार भी मौके पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों को सबों ने अपने-अपने तरीके से ढानडस और संतावना देने का प्रयास करने में जुटे रहने को देखा गया।
“वह दर्द बनके मेरे खून में मचलता है, करूँ जो आह तो लब से धुआं निकलता है। मोहब्बतों के रिश्ते भी अजीब होते हैं यारों, ये ऐसा घर है जो बरसात में भी चलता है”।