Ranchi; 84 वर्षीय वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्त्ता व झारखण्ड के जाने माने आन्दोलनकारी सामाजिक अगुवा फादर स्टेन स्वामी के जेल में कोरोना संक्रमित होने जाने पर प्रदेश के जन संगठनों के साझा मोर्चा एआईपीएफ़ झारखण्ड प्रदेश इकाई ने गहरी चिंता और जेल प्रबधन के असंवेदनहीन रवैये पर तीखा रोष जताया है।
लॉकडाउन बंदी के कारण फोरम की वर्चुवल मीटिंग में स्टेन स्वामी जी के वकील द्वारा मिडिया को जारी बयान में तलोता जेल प्रबंधन की लापरवाही से समय पर उनकी विधिवत जांच नहीं कराये जाने के आरोप का समर्थन करते हुए झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार से मांग की गयी कि चूँकि फादर स्टेन इस प्रदेश में जल जंगल ज़मीन और वंचित-पीड़ित समुदायों के सवालों तथा मानवाधिकारों के लिए आवाज़ उठाने में अपना जीवन लगाये,इसलिए उनके स्वस्थ्य की बेहतरी के लिए सरकार की और से भी बयान आने चाहियें।
वर्चुवल मीटिंग से यह भी मांग की गयी कि मुंबई हाईकोर्ट की अनुमति से उनका इलाज़ होली फैमिली अस्पताल में हो रहा है,जहां फिलहाल कोरोना संक्रमित होने के कारण वे आईसीयू में ऑक्सिजन पर हैं,कोर्ट के फैसले के अनुसार वहाँ के इलाज़ का सारा खर्च स्टेन स्वामी जी को ही वहन करना होगा.इसलिए झारखण्ड सरकार उनके इलाज़ का सारा खर्च उठाने का जिम्मा लेते हुए तत्काल आवश्यक प्रक्रिया अपनाए.
कल ही फोरम की और से उक्त मांगों को ट्वीटर तथा ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा .
फोरम की और से इसके पहले भी मीडिया के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री और सरकार को सूचित किया जा चुका है कि माले विधायक विनोद सिंह के नेतृत्व में फोरम के नागरिक समाज का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा.
जिसमें यह मांग की जायेगी कि स्टेन स्वामी जी गिरती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उन्हें ज़ल्द से ज़ल्द मेडिकल पैरोल पर रिहा कराने के लिए झारखण्ड सरकार महाराष्ट्र सरकार से बातचीत कर उनकी रिहाई सुनिश्चित कराये.
वर्चुवल मीटिंग को वरिष्ठ आदिवासी बुद्धिजीवी प्रेमचन्द मुर्मू व वाल्टर कंडूलना,हॉफमैन ला एसोसिएट्स के फादर महेंद्र पीटर तिग्गा, नागरिक समाज के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता कुमार वरुण,फोरम के अभियान समिति सदस्य नदीम खान,झारखण्ड जसम के प्रदेश संयोजक जेवियर कुजूर,गौतम सिंह मुंडा तथा अनिल अंशुमन समेत अन्य ने भी संबोधित किया