संवाददाता-विवेक चौबे
गढ़वा : जिस महिला को कोई संतान न हो उसे बांझपन का शिकार होना कहते हैं। प्रत्येक महिला की इच्छा होती है कि पुत्र हो या पुत्री किन्तु कोई न कोई संतान की प्राप्ति अवश्य हो। जिसे कोई संतान नहीं होती,उसे मां नहीं बनने की क्षमता का अवहेलना किया जाता है। संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ,हवन व अनुष्ठान कराए जाते हैं। साथ ही अन्य कई धार्मिक नियमों के पालन करने पड़ते हैं तो कुछ चिकित्सक के पास इलाज हेतु पहुंचते हैं। वहीं एक ऐसी महिला, जिसे भगवान ने संतान के रूप में बच्ची तो दिया। वह माता अस्पताल के एक शौचालय में रोती हुई बच्ची को छोड़ जाए तो इसे समाज व धर्म ऐसी महिला को माता कहेगा या कुमाता। हम बात कर रहे हैं, उस महिला की जो अपनी बच्ची को शौचालय में छोड़ कर यूं चली गयी। जी हां, बता दें कि गढ़वा सदर अस्पताल में सर्जिकल वार्ड के पास शौचालय में एक लावारिश बच्ची को रोते हुए पाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर के तकरीबन डेढ़ बजे एक महिला शौचालय के अंदर गयी,जहां उस बच्ची को रोते हुए व फेंकी गयी स्थिति में उसने देखा । तत्परता दिखाते हुए उक्त महिला ने लावारिश बच्ची को शौचालय में देखे जाने की सूचना अस्पताल में कार्यरत एनम को दी। सूचना पाकर पहुंची एनम ने शौचालय में पड़ी बच्ची को देखा। उक्त बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में फौरन भर्ती किया गया। वहीं इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉक्टर- एनके रजक को दिया गया। जबकि चाइल्ड डिपार्टमेंट के पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। बच्ची को फिलहाल बेहतर निगरानी में रखा गया है। उसके स्वास्थ्य का पूर्ण रूप से ख्याल रखा जा रहा है। खबर लिखे जाने तक बच्ची की मां का कोई पता नहीं चल सका है। बच्ची को शौचल में लावारिश स्तिथि में पाए जाने की खबर जानकर काफी लोग अस्पताल में इकठ्ठा हो गए। सभी ने उस महिला को माता नहीं,कुमाता कहा।