इसlamābād हमले के बाद पाकिस्तान टी20 ट्राई-नेशनल सीरीज़ की शुरुआत एक दिन टाली गई, श्रीलंका सुरक्षा व्यवस्था के साथ भाग लेगी

पर प्रकाशित नव॰ 27

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इसlamābād हमले के बाद पाकिस्तान टी20 ट्राई-नेशनल सीरीज़ की शुरुआत एक दिन टाली गई, श्रीलंका सुरक्षा व्यवस्था के साथ भाग लेगी

पाकिस्तान के रावलपिंडी में नवंबर 18, 2025 को शुरू होने वाली 2025 पाकिस्तान टी20 ट्राई-नेशनल सीरीज़ रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम की शुरुआत एक दिन टाल दी गई है। यह फैसला नवंबर 11, 2025 को इस्लामाबाद में एक अदालत परिसर के पास हुए हमले के बाद श्रीलंका के खिलाड़ियों द्वारा उठाई गई सुरक्षा चिंताओं के बाद लिया गया। यह टूर्नामेंट, जिसमें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मेजबानी में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) , ज़िम्बाब्वे क्रिकेट और पाकिस्तान शामिल हैं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण तैयारी मंच है।

हमले के बाद सुरक्षा समीक्षा: क्या बदला?

नवंबर 11 को इस्लामाबाद में एक अदालत के पास हुए हमले ने श्रीलंका के खिलाड़ियों में गहरी चिंता पैदा कर दी। यह घटना 2009 के लाहौर हमले की याद दिला दी — जब श्रीलंका की टीम की बस पर आतंकवादी हमला हुआ था और कई खिलाड़ी घायल हुए थे। इस बार, श्रीलंका के स्टाफ ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के निदेशक क्रिकेट ऑपरेशन्स, एशले डी सिल्वा, ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नक्वी के साथ नवंबर 12 से 16 तक बातचीत शुरू की।

परिणाम? एक विस्तृत सुरक्षा योजना। रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम और टीमों के होटल, पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल , के आसपास सुरक्षा क्षेत्र बढ़ा दिए गए। पुलिस और पंजाब रेंजर्स के अतिरिक्त बल तैनात किए गए। खिलाड़ियों की यात्रा के लिए सैन्य एस्कॉर्ट लगाया गया। इसके अलावा, कर्नल रवि कुमार (सेवानिवृत्त) , अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सुरक्षा संपर्क अधिकारी, टूर्नामेंट के दौरान स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

टीमों के बदलाव: नए कप्तान, नए खिलाड़ी

सुरक्षा के बारे में चिंताएँ तो थीं, लेकिन टीमों में भी बदलाव हुए। पाकिस्तान ने नवंबर 9 को हसन नवाज को हटाकर 31 साल के बाएं हाथ के ओपनर फखर जमान को शामिल किया। श्रीलंका की टीम में तो और भी बदलाव हुए। नवंबर 17 को, 27 साल के ऑलराउंडर चरित असलंका और 28 साल के फास्ट बॉलर असिथा फर्नेंडो बीमारी के कारण टीम से हटा दिए गए। उनकी जगह दासून शनाका (32) को कप्तान बनाया गया, और 24 साल के पवान रथनायके को टीम में शामिल किया गया। अगले दिन, नवंबर 18 को, 25 साल के विजयकांथ वियास्कांथ को भी जोड़ दिया गया।

सुरक्षा के बावजूद, श्रीलंका ने फैसला क्यों लिया?

"हमने PCB और सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ गहन बातचीत की है," एशले डी सिल्वा ने नवंबर 16, 2025 को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा। "हम सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट हैं और टूर्नामेंट को नवंबर 18 से शुरू करने का फैसला किया है।"

श्रीलंका के लिए यह फैसला न सिर्फ खेल का था — यह भावनात्मक था। 2009 के बाद से, उनकी टीम ने पाकिस्तान में कभी भी टूर नहीं किया। अब, एक नई पीढ़ी के खिलाड़ी, जिन्होंने उस हमले को जीवित नहीं देखा, लेकिन उसकी याद से घिरे हैं, टूर करने के लिए तैयार हैं। यह एक छोटा, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

क्यों रावलपिंडी? क्यों नहीं इस्लामाबाद?

क्यों रावलपिंडी? क्यों नहीं इस्लामाबाद?

हमला इस्लामाबाद में हुआ था, लेकिन सभी मैच रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाएंगे — जो इस्लामाबाद से सिर्फ 15 किमी दूर है। इसका कारण स्पष्ट है: रावलपिंडी का स्टेडियम और उसके आसपास के होटल, विशेषकर पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल , 2020 से अंतरराष्ट्रीय टीमों के लिए एक सुरक्षित बेस के रूप में काम कर रहे हैं। यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है, और यह एक अलग शहर है, जहाँ राजनीतिक तनाव कम हैं।

इस टूर्नामेंट का असली मकसद: 2026 टी20 विश्व कप

यह टूर्नामेंट सिर्फ तीन टीमों के बीच एक अच्छा मैच नहीं है। यह 2026 टी20 विश्व कप की तैयारी का एक अहम हिस्सा है, जिसे भारत और श्रीलंका मिलकर मेजबानी करेंगे। यह टीमों को अपने खिलाड़ियों को नए वातावरण में आदत दिलाने, नए टैक्टिक्स ट्राय करने और दबाव में खेलने का अवसर देता है।

पुरस्कार राशि $1.25 मिलियन है — विजेता को $750,000, रनर-अप को $350,000 और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को $150,000। यह राशि अब तक पाकिस्तान में आयोजित किसी भी टी20 टूर्नामेंट की सबसे बड़ी है।

क्या अगला कदम?

क्या अगला कदम?

अगर यह टूर्नामेंट सफलतापूर्वक संपन्न होता है, तो पाकिस्तान अगले साल भारत के साथ मिलकर आयोजित होने वाले विश्व कप के लिए अपनी सुरक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने का दावा करेगा। श्रीलंका के लिए, यह एक ऐसा मौका है जो उन्हें देश के लिए एक नई शुरुआत करने की अनुमति देता है — न केवल खेल के लिए, बल्कि भरोसे के लिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

2025 की इस टूर्नामेंट के लिए श्रीलंका क्यों नहीं बॉर्ड को छोड़ दिया गया?

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एक विस्तृत सुरक्षा समीक्षा के बाद फैसला किया कि पाकिस्तान की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है। इसमें सैन्य एस्कॉर्ट, बढ़ी हुई पुलिस तैनाती और ICC के सुरक्षा अधिकारी की निगरानी शामिल है। यह टूर्नामेंट 2026 विश्व कप की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए खिलाड़ियों ने भी भाग लेने की इच्छा जताई।

2009 के हमले और इस बार के हमले में क्या अंतर है?

2009 का हमला एक आतंकवादी हमला था जिसमें श्रीलंका की बस पर गोलीबारी की गई थी। इस बार, हमला एक अदालत परिसर के पास हुआ था, जो खेल से अलग था। इसके बावजूद, श्रीलंका के लिए यह याद दिलाता है कि पाकिस्तान में सुरक्षा अभी भी एक चुनौती है। इस बार की प्रतिक्रिया अधिक व्यवस्थित और सामूहिक थी — जिसमें टीम और बोर्ड दोनों ने सुरक्षा के लिए सहयोग किया।

पाकिस्तान ने 2009 के बाद कितने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित किए हैं?

2015 के बाद से, पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 और ओडीआई सीरीज़ आयोजित की हैं। इन सभी के लिए PCB ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई थी, जिसमें होटल, ट्रांसपोर्ट और स्टेडियम के चारों ओर सुरक्षा घेरा शामिल था। यह टूर्नामेंट उनकी लगातार कोशिश का एक हिस्सा है।

रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम क्यों इतना सुरक्षित माना जाता है?

रावलपिंडी स्टेडियम 2020 से अंतरराष्ट्रीय टीमों के लिए प्राथमिक आधार है। इसके आसपास के क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में रखा गया है, और यहाँ के होटल — विशेषकर पर्ल कॉन्टिनेंटल — की सुरक्षा व्यवस्था दुनिया के कुछ सबसे अच्छे मानकों के अनुरूप है। यह शहर इस्लामाबाद की तुलना में कम राजनीतिक तनाव वाला है, जिससे यह एक अधिक नियंत्रित वातावरण प्रदान करता है।

2026 टी20 विश्व कप के लिए यह टूर्नामेंट कैसे मदद करेगा?

यह टूर्नामेंट टीमों को एक दबावपूर्ण वातावरण में खेलने का अवसर देता है — जो 2026 विश्व कप में भारत और श्रीलंका के दौरान अपेक्षित है। खिलाड़ियों को नए टैक्टिक्स, नए ग्राउंड और नए समय सारणी के साथ अनुकूलित होना होगा। इसके अलावा, श्रीलंका के लिए यह एक सांकेतिक जीत है — वे अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान में खेलने के लिए तैयार कर रहे हैं।

क्या ज़िम्बाब्वे की टीम के लिए भी सुरक्षा चिंताएँ थीं?

ज़िम्बाब्वे की टीम ने कोई आधिकारिक चिंता व्यक्त नहीं की। उनके लिए यह पहली बार नहीं है — उन्होंने 2015 और 2020 में पाकिस्तान का दौरा किया था। उनकी टीम ने बोर्ड के साथ सहमति जताई कि सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है। इसके अलावा, उनके खिलाड़ियों को दुनिया के कुछ सबसे असुरक्षित क्षेत्रों में खेलने का अनुभव है।