मांडर से डॉ. संजय की रिपोर्ट
रांची जिले के मांडर प्रखंड व पंचायत के ख्रीस्त क्लोनी बंगला बाजार के समीप 1998 मे निर्मित यह शौचालय अपने आप मे इतिहास बयान करता दिखता है. ना शेफ्टि टेंक पूर्ण निर्मित ना ही सोखता गड्ढा का कहीं नामोनिशान. दरवाजे तो निर्माण के बाद से ही गधे की सींग की तरह गायब किए जा चुके हैं. वर्तमान मे शौचालय मे गन्दगी व झाड़ियों का कब्ज़ा बना स्वच्छ भारत अभियान को मुँह चिढ़ा रहा है. जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी योजना के पूर्ण होते ही निर्माण की त्रुटियों तथा उसकी अनुपयोगिता से मुँह फेर लेते हैं. जनता के उपयोग के लिए ये योजनाएं नहीं बनती सिर्फ तंत्र मे बन्दरबांट व खानापूरी ही मुख्य उदेश्य होता होगा जो इस शौचालय की स्थिति बयां कर रही है