चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (कोविड-19) अब तक 170 से ज्यादा देशों में पहुँच गया है
चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (कोविड-19) अब तक 170 से ज्यादा देशों में पहुँच गया है। इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 8925 के पार कर गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू एच ओ) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुखाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। कोविड-19 बहुत ही सूक्ष्म मगर काफी प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है। आकार में छोटे इस वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है।
भारत में कोरोना ने संक्रमित 166 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिसमें 141 भारतीय और 25 विदेशी नागरिक हैं। कोरोना ने अब तक 170 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। ईरान में अब तक 853 और दक्षिण कोरिया में 81 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में मरने वालों की संख्या करीब करीब 3200 पहुँच चुकी है और कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या 80,824 हो चुकी है। दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 2,18,910 के पार चली गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। विभिन्न राज्यों जैसे झारखण्ड, महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि ने स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा घर, सामाजिक स्थल आदि को बंद करने का निर्देश दिया है।
झारखण्ड में फिलहाल कोरोना का कोई मरीज नही पाया गया है। मेडिकल साइंस के अनुसार देश अभी कोरोना के तीसरे स्टेज से गुज़र रहा है, जिसमें महामारी फैलने की पूरी आशंका है । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महामारी के रूप में इसे स्वीकार किया है और इस बाबत केंद्र सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों, धार्मिक त्योहारों और जुलूसों पर भी रोक लगा दी है।
कोविड-19 जैसी सांस संबंधी बीमारी की स्थिति में उन लोगों के इलाज में विशेष अस्पताल की जरूरत है, जिसमें वायु संचार के रूप में इसके लक्षण पाए जाते है और इसके बाद अतिरिक्त संक्रमण से निपटने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत है। कोविड-19 संक्रमण के पुष्ट मामलों के इलाज के लिए क्वारेंटाइन केंद्रों और आइसोलेशन सुविधाओं से युक्त अस्थायी अस्पतालो की आवश्यकता होगी।
आवश्यक दवाओं और मास्क, मेडिकल टेक्सटाइल, हैंडवाश और अल्कोहल युक्त कीटाणुशोधक (सैनिटाइजर) जैसे एहतियाती वस्तुओं की आपूर्ति की बनाए रखना और उनका नियमन करना आवश्यक है। सरकार ने 13 मार्च को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत हैंड सैनिटाइजर और मास्क को 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तुएं घोषित कर दिया है।
शहरी अर्थव्यवस्था को इससे काफी नुकसान होगा और इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि शहरों का जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है। स्थानीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को कम से कम करना जरूरी है और जिला प्रशासन इसे हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रोजगार की इस अनिश्चित स्थिति में लोगो का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। एहतियाती उपाय जब पूरी तरह से लागू किए जाएंगे तो व्यापार को पहले की तरह सामान्य बनाये रखने में इससे मदद मिलेगी और समय से पहले की गई कोशिशों से इसके दीर्घकालीक प्रभाव को कम किया जा सकता है। सक्रिय नियोजन और कार्यान्वयन के जरिये इस महामारी की सबसे खराब स्थिति को प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है।
(मेंहुल दुबे )