लॉकडॉउन के बीच बैंकों के रवैया में नही हो रहा सुधार, खाता धारक परेशान

लोहरदगा ब्यूरो संवाददाता,

लोहरदगा: सामाजिक विचार मंच ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि, गत 11 जून को मंच द्वारा उपायुक्त लोहरदगा से शिकायत की गई थी कि किस तरह बैंक लॉकडाउन और कोरोना काल की अवधि में भी ग्राहकों को परेशान करने से बाज नही आ रहे हैं। इसके बाद भी बैंकों का रवैयों में कोई सुधार नही आया है।

बुधवार को एक नया मामला प्रकाश में आया है, सेरंगदाग थाना क्षेत्र की मनहे गांव निवासी गणेश खेरवार की पत्नी रेखा देवी लगभग 35 किलोमीटर की दूर कर जब पैसा निकासी के लिए इलाहाबाद बैंक (अब इंडिया बैंक) पहुंची। रेखा देवी को बैंक द्वारा टका सा जवाब देते हुए 8- 10 दिन बाद आने के बात कही गई। बैंक कर्मियों ने महिला के खाता बंद हो जाने की बात बताई।

अब जब ग्राहकों का खाता बंद हो जा रहा है। इसका कारण है जमा निकासी नहीं होना , आधार का फेल होना या केवाईसी नहीं होना। परंतु ग्राहक जब संबंधीत कागजात सुधार हेतु जमा भी करना चाहता है तो सुधार करने के स्थान पर ग्राहक को बाद में आने की बात कही जाती है। बैंक द्वारा मानवीय मूल्यों का ख्याल भी नही रखा जा रहा है। छोटे से बच्चे को लेकर 30-35 किलोमीटर दूरी तय कर कोई महिला कितनी बार बैंक का चक्कर लगा सकती है। सामाजिक विचार मंच के संयोजक संदीप भगत ने जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की मांग की है ताकि आमलोग को बेवजह परेशन करने के बजाय बैंक खाताधारक की समस्या को समझते हुए उसके समाधान पर ध्यान दें।

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