RANCHI- वित्तीय वर्ष 2019-20 में महज 46 दिन बचे हैं. अब इतने दिनों में परिवहन विभाग हर हाल में बचे करीब 250 कराेड़ रुपये के राजस्व की वसूली करेगा. इस वित्तीय वर्ष में 1200 करोड़ रुपये का परिवहन विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया था. अब तक करीब 950 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है.
इसे लेकर एक बार फिर राजधानी सहित पूरे राज्य में सघन वाहन जांच अभियान शुरू होगा. शुक्रवार को परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान विभागीय मंत्री चंपई सोरेन को सचिव के. रवि कुमार ने यह विश्वास दिलाया. पहली समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की वसूली जरूरी है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में रांची, जमशेदपुर, धनबाद सहित अन्य जिलों में जाम की स्थिति रहती है. इससे निजात दिलाने के लिए उक्त जिलों के डीटीओ, ट्रैफिक और निगम के जवाबदेह अफसर संयुक्त रूप से प्लान तैयार करेंगे, ताकि जाम से मुक्ति की दिशा में ठोस कार्रवाई की जा सके. बैठक में परिवहन सचिव के. रवि कुमार, संयुक्त सचिव रविशंकर विद्यार्थी, ब्रजेंद्र हेम्ब्रम सहित सभी डीटीओ, एमवीआइ आदि मौजूद थे.
धनबाद व जमशेदपुर जैसे दूसरे शहरों के लिए भी डीटीओ, ट्रैफिक व निगम के अफसर बनायेंगे प्लान
राज्य के इंट्री प्वाइंट पर लगाया जा रहा साइन बोर्ड, बाहर के वाहन करेंगे ऑनलाइन टैक्स पेमेंट करेंगे. वहीं हर इंट्री प्वाइंट पर अब परिवहन के अफसर चेकिंग भी करेंगे डिफॉल्टर वाहन मालिकों को तीन बार पैसा जमा करने के लिए एसएमएस भेजा जायेगा. इसके बाद कार्रवाई की जायेगी हर प्रदूषण केंद्र को डाटा ऑनलाइन करना होगा. वर्तमान में 750 केंद्रों में से 250 ही ऑनलाइन हैं
पब्लिक सर्विस को बेहतर बनायें, ताकि आम आदमी न हो परेशान
चंपई सोरेन ने कहा कि इस सरकार में पब्लिक सर्विस को अफसर बेहतर बनायें, ताकि ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी आदि सेवाओं के लिए आम आदमी को परेशान नहीं होना पड़े. जो भी लंबित मामले हैं, उनको भी प्राथमिकता के आधार पर तत्काल समाप्त करें.
यातायात विहीन इलाकों में बसों के परिचालन का रूट तैयार करेंगे अफसर
समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि अभी भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर यातायात के सुगम साधन मौजूद नहीं हैं. इस कारण छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी होती है.
आम लोगों को भी हाट-बाजार जाने में दिक्कत होती है. इसलिए वैसे स्थानों और रास्तों को चिह्नित करने का आदेश डीटीओ और आरटीओ को दिया गया है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद उक्त जगहों पर बेहतर यातायात की सुविधा कैसे प्रदान की जाये, इसे लेकर दूसरे राज्यों के मॉड्यूल का अफसर अध्ययन करेंगे. संभव होगा, तो पीपीडी मोड पर बस सेवा शुरू की जायेगी.