RANCHI- राज्य सरकार का भारी भरकम बजट खर्च की कसौटी पर एक बार फिर खरा नहीं उतरा है। बीते दस माह में जनवरी तक राज्य योजना व्यय महज 51.52 फीसद के दायरे में रहा है। एक वर्ष में दो-दो चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) होने और राजस्व की स्थिति संतोषजनक न होने का सीधा असर बजट व्यय पर पड़ा है। विकास योजनाओं की तमाम राशि व्यय होने से वंचित रह गई है। 27 अहम विभागों में से 14 का व्यय पचास फीसद से कम रहा है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए लगभग 85 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया था। इसमें विकास योजनाओं के मद में 52,283.63 करोड़ की भारी भरकम राशि रखी गई थी। लेकिन, जनवरी तक बीते दस माह में व्यय महज 26,935.32 करोड़ रुपये (51.52 फीसद) रहा है। कई विभाग तो इतने फिसड्डी साबित हुए हैं कि उन्होंने राशि खर्च करने का जोखिम न के बराबर उठाया है।
उत्पाद एवं मद्य निषेध का व्यय शून्य रहा है, जबकि परिवहन विभाग ने महज 2.60 फीसद राशि व्यय की है। श्रम और ऊर्जा विभाग 14 फीसद के दायरे में रहे हैं। राज्य में बिजली की स्थिति सुधारने के लिए ऊर्जा के मद में 4526 करोड़ की भारी भरकम राशि का प्रावधान किया गया था, लेकिन खर्च मात्र 657 करोड़ के दायरे में रहा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भी खर्च के मानकों पर खरा नहीं उतरा है।
बजट राशि व्यय करने में अव्वल रहे विभागों की बात की जाए तो प्रचार प्रसार से जुड़े सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सर्वाधिक 71 फीसद की राशि व्यय की है। राजस्व एवं निबंधन, पथ निर्माण, नगर विकास, भवन निर्माण और गृह-कारा जैसे विभागों का प्रदर्शन भी संतोषजनक रहा है। हालांकि, राशि खर्च न होने का मुख्य कारण खजाने की स्थिति संतोषजनक न होने को भी बताया जा रहा है। राशि होगी ही नहीं तो व्यय कहां से होगी।
मार्च में 15 फीसद से अधिक नहीं हो सकती निकासी
बजट राशि के व्यय को लेकर वित्त विभाग ने कड़ी नियमावली बनाई है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के अंतिम माह मार्च में 15 फीसद से अधिक व्यय नहीं किया जा सकता। स्पष्ट है कि तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार अपने व्यय को 75 फीसद से अधिक नहीं ले जा सकेगी।
सबसे कम व्यय करने वाले विभाग (राशि करोड़ रुपये में)
विभाग – आउटले – व्यय – प्रतिशत
उत्पाद एवं मद्य निषेध – 10.00 – 0.00 – 0.00
परिवहन – 275.01 – 7.14 – 2.60
श्रम-रोजगार – 265.16 – 38.19 – 14.40
ऊर्जा – 4226.13 – 657.34 – 14.52
पेयजल-स्वच्छता – 2369.89 – 561.62 – 23.70
पर्यटन-खेल – 290.00 – 73.98 – 25.51
बेहतर प्रदर्शन करने वाले विभाग (राशि करोड़ रुपये में)
सूचना एवं जनसंपर्क – 100.00 – 71.12 – 71.12
राजस्व-निबंधन – 129.00 – 89.06 – 69.04
पथ निर्माण – 4700.00 – 3200.62 – 68.10
नगर विकास एवं आवास – 2855.70 – 1929.82 – 67.58
गृह कारा – 1079.86 – 706.29 – 65.41
महिला एवं बाल विकास – 4299.96 – 2746.67 – 63.88
भवन निर्माण – 633.50 – 391.10 – 61.74
वित्तीय स्थिति पर बजट सत्र से पूर्व श्वेत पत्र ला सकती है सरकार
खराब वित्तीय स्थिति से राज्य सरकार अनजान नहीं है। मौजूदा आर्थिक स्थिति पर बजट सत्र से पूर्व श्वेत पत्र सरकार के स्तर से जारी किया जा सकता है। विधानसभा के विशेष सत्र में अपने संबोधन के दौरान में मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा भी की थी।
















