प्रधान संवाददाता रहमतुल्लाह अंसारी
RANCHI: राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि राज्य के लगभग 95 फीसद मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में प्रभार से काम चलाया जा रहा है। कहीं-कहीं तो अनुबंध पर कार्यरत पारा शिक्षक ही इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। और तो और राज्य के नौ जिलों के एक भी मिडिल स्कूल में हेडमास्टर नहीं है। मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के 3126 पद स्वीकृत हैं, लेकिन कार्यरत महज 160 हैं। 2,966 पद रिक्त हैं।
दरअसल, मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के पद प्रोन्नति से भरे जाने हैं। लेकिन इसमें जिलों के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षकों को प्रोन्नति समय पर नहीं मिल पाई।
वर्ष 2015 में उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वरीयता निर्धारित करते हुए ग्रेड वन में प्रोन्नति के आदेश जारी होने के बाद अभी तक महज 12 जिलों में ही शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित ग्रेड-4 तक ही प्रोन्नति मिली है।
अन्य जिलों में शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली। जबकि उक्त 12 जिलों में भी हेडमास्टर के पद पर किसी शिक्षक को इस कारण प्रोन्नति नहीं दी जा सकी, क्योंकि इस पद के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर न्यूनतम पांच साल सेवा देना अनिवार्य है। यदि 2015 से पूर्व शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाती तो कई शिक्षक काफी पहले ही हेडमास्टर की अर्हता रखते।
*बीईईओ कर रहे वेतन की निकासी*
शिक्षकों के वेतन की निकासी की जिम्मेदारी प्रत्येक प्रखंड के एक-एक हेडमास्टर को दी गई है। लेकिन कई प्रखंड ऐसे हैं जहां एक भी हेडमास्टर नहीं है। ऐसे में वहां प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
*1,336 अपग्रेड हाई स्कूलों में भी सभी पद रिक्त*
राज्य के 1,336 अपग्रेड हाई स्कूलों में भी हेडमास्टरों के सभी पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में हेडमास्टरों के कुल 1,336 पदों में से 668 पदों पर झारखंड लोक सेवा आयोग से सीधी नियुक्ति होनी थी। लेकिन इस पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने के कई वर्ष बाद नियमावली में त्रुटि के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रद हो गई। इधर, 668 पद प्रोन्नति से भरे जाने थे, लेकिन अभी तक शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल सकी।
*इन जिलों के मिडिल में एक भी हेडमास्टर नहीं*
लोहरदगा, साहिबगंज, चतरा, सरायकेला-खरसावां, हजारीबाग, कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़ तथा रामगढ़।
*इन जिलों में दस से भी कम स्कूलों में हेडमास्टर*
खूंटी, सिमडेगा, धनबाद (01), पूर्वी सिंहभूम (02), जामताड़ा, गुमला (05), गिरिडीह (06), रांची (07), गढ़वा (08)।