कांग्रेस ने सचिन पायलट पर कड़ी कार्रवाई की है. पायलट को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद और राज्य सरकार से हटा दिया गया है. यानी उनसे अध्यक्ष पद के साथ ही मंत्री पद और डिप्टी सीएम का सम्माम भी छीन लिया गया है. पायलट के साथ ही पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा की भी छुट्टी कर दी गई है. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. वे अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा में होटल में हैं.
पायलट से आधा दर्जन बार बात की, पर वे नहीं माने
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पायलट को हटाने की जानकारी देते हुए कहा कि बीजेपी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है. बीजेपी ने साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की है. बीजेपी धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है. सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए.
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की आधा दर्जन बार कोशिश की. कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकारा. ऐसे में उन्हें अध्यक्ष और डिप्टी सीएम व मंत्री पद से हटाया जाता है. गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस का जिम्मा दिया गया है. वे अभी शिक्षा मंत्री भी हैं.
सेवादल और युवा कांग्रेस अध्यक्ष भी बदले
वहीं गणेश गोगरा को राजस्थान युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. इस पद से मुकेश भाकर को हटाया गया है. भाकर भी पायलट खेमे में है. साथ ही राजस्थान सेवादल के अध्यक्ष को भी बदल दिया है. हेम सिंह शेखावत को इसका मुखिया बनाया गया है. उन्होंने राकेश पारीक की जगह ली जो पायलट के बागी हो गए हैं.
पायलट कैंप ने क्या कहा
इससे पहले सचिन पायलट खेमे की ओर से सियासी घमासान पर बयान आया. यह बयान विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा और दीपेंद्र सिंह शेखावत ने जारी किया. कहा कि सालों तक मेहनत, लगन के साथ पार्टी की सेवा की गई. लेकिन एसओजी से राजद्रोह और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों में धमकाने वाले नोटिस भेजे गए. भारतीय लोकतंत्र और कांग्रेस पार्टी के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. सचिन पायलट के नेतृत्व में पिछले छह साल में पार्टी को मजबूत किया गया. जब पार्टी विधानसभा में सबसे कम विधायकों के साथ थी तब इसे बहुमत से सरकार में लाया गया. सचिन पायलट का सार्वजनिक अपमान किया जा रहा है. यह सहन नहीं किया जा सकता.