रैयत विस्थापित मोर्चा ने की कमर्शियल माइनिंग के विरोध में बैठक

पिपरवार संवाददाता:- अखिलेश कुमार गिरी

फ़ोटो बैठक के बाद रैयत विस्थापित मोर्चा के सदस्य

पिपरवार।
रैयत विस्थापित मोर्चा की कमर्शियल माइनिंग के विरोध में एक बैठक सी.एच.पी.परिसर रिजेक्ट कॉल डंप के समीपस्थ आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता मोर्चा के केंद्रीय सचिव रामचंद्र उरांव एवं संचालन केंद्रीय सदस्य सूरज मुंडा के द्वारा किया गया। बैठक में कमर्शियल माइनिंग से होने वाले नुकसान के बारे में मोर्चा के लोगों द्वारा विस्तृत रूप से चर्चा की गई। चर्चा में कही गई कि निजी कंपनियों की मनमानी चालबाजी से यहां के मजदूरों विस्थापितों को गुलाम बनाने की योजना का नाम कमर्शियल माइनिंग है इसका रैयत विस्थापित मोर्चा कोयला खदान से लेकर कोयला मंत्रालय तक विरोध करेगी। बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह आर एंड आर कमेटी सदस्य इकबाल हुसैन ने कहा कि मोदी सरकार कोयला उद्योग के निजी करण पर आमदा है मजदूर एवं रैयतों का अस्तित्व खतरे में है श्रम कानून समाप्त कर दिए जा रहे हैं रेलवे और बैंक का निजीकरण किया जा रहा है एक-एक कर सारे कंपनियों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है और अब केंद्र सरकार की नजरें कोयला उद्योग पर है। अगर कोयला उद्योग का निजीकरण हो गया तो यह हमारे कोयलांचल के लिए साथ ही पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा जमीन के रैयत अपने अधिकारों से वंचित हो जाएंगे, रोजगार के अवसर समाप्त कर दिए जाएंगे मजदूरों को सही सम्मान व उचित वेतन नहीं मिल पाएगा जो हमें हरगिज बर्दाश्त नहीं इसका रैयत विस्थापित मोर्चा पुरजोर विरोध करती है और यह आह्वान करती है कि केंद्र सरकार इस फैसले को वापस लें अन्यथा रैयतों के द्वारा रैयतों की जमीन से किसी भी प्रकार के खनिज पदार्थ का खनन नहीं करने दिया जाएगा ।साथ ही रैयत विस्थापित मोर्चा कोयला उद्योग में दो से चार जुलाई को होने वाले तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर संयुक्त मोर्चा के द्वारा प्रस्तावित बंदी का पूर्ण रुप से समर्थन करती है। बैठक में मुख्य रूप से इकबाल हुसैन ,रामचंद्र उरांव ,सूरज मुंडा ,दीरपाल टाना भगत ,मोहम्मद जुल्फान, इदरीस अंसारी ,विनोद महतो ,नीरज राम, दिनेश राम ,मुनेश मुंडा, वीरू मुंडा, शकील अंसारी ,फिरोज आलम, सनी उरांव ,इंदरजीत उरांव, चेतलाल महतो समेत तमाम लोग मौजूद थे।
बैठक के अंत में मोर्चा के लोगों द्वारा विस्थापित मजदूर एकता जिंदाबाद, कमर्शियल माइनिंग वापस लो,
केंद्र सरकार मुर्दाबाद,जैसे जोरदार नारे लगाए गए।

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