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निलंबित नाजिर पर मेहरबानी कार्यपालक पदाधिकारी को पड़ा महंगा, डीसी ने की कार्रवाई

जनप्रतिनिधियों ने बिपिन दुबे की डीसी से की थी शिकायत, किया था हटाने का मांग

विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतने व निलंबित नाजिर से नियमविरुद्ध काम लेने का लगा था आरोप

चतरा : नगर परिषद कार्यालय के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी को निलंबित नाजिर पर मेहरबानी महंगा पड़ गया है। जनप्रतिनिधियों के शिकायत पर। उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने कार्यपालक पदाधिकारी पर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने और नियम विरुद्ध निलंबित नाजिर समशूल हक से विभागीय कार्य कराने के मामले को गंभीरता से लेते हुए नप के प्रभारी पदाधिकारी बिपिन कुमार दुबे को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनके स्थान पर कार्यपालक दंडाधिकारी रामनारायण खलखो को नगर परिषद का नया कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया है। साथ ही उन्हें तत्काल प्रभाव से आवंटित कार्यालय का संपूर्ण प्रभार ग्रहण कर विकास कार्यों को गति प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। डीसी ने नगर परिषद जनप्रतिनिधियों और वार्ड सदस्यों के शिकायत पर यह कार्रवाई की है।

निलंबित नाजिर पर थे मेहरबान, लिया जा रहा था नियमविरुद्ध काम

डीसी जितेंद्र कुमार सिंह से नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के वार्ड सदस्यों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात कर प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी बिपिन कुमार दुबे को हटाने का मांग किया था। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया था कि नप पदाधिकारी के रूप में श्री दुबे के द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद से शहर में विकास कार्यों के चयन व क्रियान्वयन पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है। न तो शहर में निवास करने वाले जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा था और न ही अन्य योजनाएं संचालित हो रही थी। लापरवाह कार्यपालक पदाधिकारी काम के प्रति भी खासे लापरवाह हैं। इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों ने डीसी से कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा निलंबित नाजिर समशूल हक को महत्वपूर्ण व कॉन्फिडेंशियल फाईल सौंप कर नियमविरुद्ध सरकारी कार्य कराने का भी आरोप लगाया था। कहा था कि मजदूरों के हक के पैसों को उनके खातों में भेजने के बजाय निजी खातों में रखकर उन्हें गटकने की गंदी साजिश रचने वाले को ही निलंबन अवधि में ही फिर से फाइलें सौंप दी गई है। ऐसे में न तो विभागीय कार्य आगे बढ़ पा रहे हैं और न ही फाइलों का निष्पादन। जिसका प्रतिकूल असर शहर के विकास पर पड़ रहा है।

गड़बड़ी पर पर्दा डालने का हो रहा प्रयास

जनप्रतिनिधियों ने डीसी से यह भी शिकायत की थी कि निलंबन अवधि में नाजिर को महत्वपूर्ण फाईल सौंपकर नियमविरुद्ध काम लिया जा रहा है। इससे न सिर्फ फाइलें टेबल पर ही दम तोड़ रही हैं बल्कि सरकारी राशि मे बड़े स्तर पर नाजिर के द्वारा किये गए हेराफेरी पर भी पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि नाजिर को जिस मामले में जांच के बाद दोषी पाते हुए डीसी ने निलंबित किया है। उक्त मामलों से संबंधित फाईलें आज भी निलंबन अवधि में नाजिर के जिम्मे ही है। ऐसे में न सिर्फ नाजिर सरकारी राशि व मजदूरों के हक के पैसों में खुद के द्वारा किये गड़बड़ियों पर पर्दा डालने के प्रयासों में जुटा है बल्कि उनके साक्ष्यों को मिटाने का भी प्रयास कर रहा है।

डीसी के कार्रवाई से जनप्रतिनिधियों व शहरवासियों में हर्ष

इधर लापरवाह कार्यपालक पदाधिकारी बिपिन कुमार दुबे को हटाए जाने के बाद नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों समेत शहरवासियों में हर्ष है। जहाँ जनप्रतिनिधियों ने डीसी के इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे विकास का आगाज कहा है वहीं शहरवासियों ने नगर परिषद कार्यालय से तानाशाह युग का अंत बताया है। जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में बिपिन दुबे के प्रभार ग्रहण करने के बाद उनलोगों ने कार्यालय तक जाना छोड़ दिया था। क्यूंकि बिपिन दुबे न तो जनप्रतिनिधियों को सम्मान देते थे और न ही अपनी समस्याओं और फरियाद लेकर पहुंचने वाले जरूरतमंद शहरवासियों को। ऐसे में डीसी ने उन्हें हटाकर पूण्य का काम किया है।

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