झारखंड में बिजली संकट पैदा हो सकता है। राज्य को रोजाना 600 मेगावाट रोजाना बिजली की आपूर्ति करने वाले दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने सप्लाई से हाथ खड़े करने का निर्णय किया है। झारखंड बिजली वितरण निगम को इस बाबत डीवीसी ने अल्टीमेटम (पावर रेगुलेशन) दिया है। निगम को भेजे अल्टीमेटम में कहा गया है कि डीवीसी का बिजली आपूर्ति मद में नवंबर 2019 तक का बकाया बढ़कर 4995 करोड़ हो चुका है।
बकाये का भुगतान नहीं कर बिजली वितरण निगम ने पावर परचेज एग्रिमेंट (पीपीए) का उल्लंघन किया है और निगम इसके भुगतान में फेल हुआ है। डीवीसी के चीफ इंजीनियर (कामर्शियल) की ओर से बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर (कामर्शियल एंड रेवेन्यू) को दी गई नोटिस में उल्लेख किया गया है कि बकाये का भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी हो रही है, लिहाजा डीवीसी आपूर्ति चालू रखने में असमर्थ है।
पत्र के मुताबिक डीवीसी रोजाना 600 मेगावाट की आपूर्ति झारखंड को करता है। नोटिस जारी करने की तिथि 10 फरवरी है और 15 दिन के भीतर बकाये का भुगतान करने की मियाद तय की गई है। अगर इस दौरान भुगतान हुआ तो आपूर्ति नियमित रहेगी वरना 25 फरवरी की रात 12 बजे से डीवीसी झारखंड को बिजली की सप्लाई बंद कर देगा।
पहले दिन 50 प्रतिशत यानी 300 मेगावाट की आपूर्ति बंद की जाएगी। इसके बाद रोजाना बिजली आपूर्ति में 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी। पावर रेगुलेशन का आदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर, डीवीसी, हावड़ा को भी भेजा गया है ताकि निर्देश मिलने के साथ ही कटौती सुनिश्चित की जा सके।
ये परेशानियां गिनाईं डीवीसी ने
भुगतान नहीं होने से डीवीसी के ऊर्जा उत्पादक संयंत्र केटीपीएस से बिजली उत्पादन में आ रही दिक्कत।
ताप विद्युत संयंत्र के लिए आवश्यक कोयले की आपूर्ति के मद में कोयला कंपनियों को भुगतान नहीं कर पा रहा डीवीसी।
डीवीसी ऊर्जा उत्पादक इकाई केटीपीएस की दो यूनिटों से झारखंड को करता है बिजली सप्लाई ।
मुख्य सचिव समेत उपायुक्तों-पुलिस अधीक्षकों को भी पावर रेगुलेशन की प्रतिलिपि
डीवीसी ने बिजली में कटौती करने संबंधी निर्णय की जानकारी मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव, वित्त सचिव समेत रांची, धनबाद, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को दी है। बिजली कटौती होने की स्थिति में सबसे ज्यादा असर इन्हीं जिलों पर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश
बिजली आपूर्ति में कटौती के डीवीसी के अल्टीमेटम की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी गई है। मुख्यमंत्री ने इस मसले के समाधान का निर्देश अधिकारियों को दिया है। बिजली वितरण निगम के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक डीवीसी बकाये को लेकर ज्यादा दावे कर रहा है। इसे लेकर समन्वय का प्रयास किया जा रहा है। राशि आवंटन करने की दिशा में वित्त विभाग के निर्देश के बाद बकाये का भुगतान किया जा सकेगा।