RANCHI: विधानसभा सत्र के आखरी दिन द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने पिछली सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि उस सरकार ने मोमेंटम झारखंड जैसे कार्यों पर राशि खर्च कर खजाना को खाली कर दिया। वहीं, विपक्ष (भाजपा) के विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार चुनाव के पूर्व किए गए वादों को पूरा करने के लिए खजाना खाली होने का बहाना न बनाए। इस दौरान दोनों ओर से जमकर टोका-टोकी हुई और आरोप-प्रत्यारोप लगे।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। खजाने में लाल बत्ती जल चुकी है। सरकार इसे लेकर शीघ्र श्वेत पत्र जारी करे।
वहीं भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार वित्तीय प्रबंधन कर लोक कल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाए तथा किए वादे को पूरा करे। खजाना खाली होने का रोना न रोए। भाजपा के विधायकों ने यह साबित करने का प्रयास किया कि पिछली सरकार ने जो काम किए उन्हें झुठलाया नहीं जा सकता।
किसने क्या कहा (कटौती प्रस्ताव के पक्ष में)
एक तरफ राज्य सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र ला रही है, वहीं दूसरी ओर अनुपूरक बजट पेश कर रही है। सरकार अनुपूरक बजट के बदले अगले वित्तीय वर्ष के लिए आनेवाले मूल बजट में ही राशि का प्रावधान करे। पिछली सरकार के तुगलकी फरमान से अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिल रहा है। कोषागार में अरबों रुपये का बिल लंबित है। ऐसे में अनुपूरक बजट का कोई मतलब नहीं है। -लंबोदर महतो, विधायक, आजसू।
राज्यपाल के अभिभाषण में चुनाव से पहले किए गए वादे नहीं दिखते। यह शोध का विषय है कि काम करनेवाली सरकार क्यों हार जाती है और सदन को बाधित करनेवाले को सत्ता मिल जाता है। -विरंची नारायण, विधायक, भाजपा।
गरीबों को एक रुपये चावल देने, आयुष्मान भारत योजना, 108 एंबुलेंस जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने का सरकार बहाना न बनाए। वित्तीय प्रबंधन करे न कि रोना रोए। जिस तरह सूरज और चांद को झुठलाया नहीं जा सकता, उसी तरह पिछली सरकार के कार्यों को भी झुठलाया नहीं जा सकता। -अमर कुमार बाउरी, विधायक, भाजपा।
सरकार लोक लुभावन वादे को पूरा करने के लिए खर्च कर अगली पीढ़ी पर ही बोझ डाल देती है। ऐसी स्थिति आगे न हो। रिक्तियों को भरने के लिए सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि स्थानीय को ही नौकरी मिले। झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिले। सरकार पुरानी योजनाओं को बंद न करे। -सुदेश महतो, विधायक, आजसू।
किसने क्या कहा (कटौती प्रस्ताव के विपक्ष में)
राज्य पर 90 हजार करोड़ रुपये कर्ज हो गया है। प्रत्येक व्यक्ति पर 29 हजार रुपये का कर्ज है। राज्य के 510 प्लस टू स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं है, 3226 मिडिल स्कूलों में 100 में ही प्रधानाध्यापक हैं। सरकार इसपर भी श्वेत पत्र जारी करे। पांच वर्षों में सरकार राशन कार्ड नहीं दे पाई। दूसरी तरफ चार हजार क्विंटल चीनी गोदाम में सड़ गया। सरकार मोमेंटम झारखंड पर भी श्वेत पत्र जारी करेगा। -प्रदीप यादव, विधायक, झाविमो।
राज्य की जनता और हम सभी जानना चाहते हैं कि राज्य की आर्थिक स्थिति कैसी है। इसके लिए श्वेत पत्र जारी होना ही चाहिए। गरीब भूखों मरते रहे, पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी कर्मी मानदेय के लिए सड़क पर उतरते रहे। फिर क्या हाथी उड़ाने के लिए खजाने के सारे पैसे खर्च हो गए? -विनोद कुमार सिंह, विधायक, माले।
पिछली सरकार ने 13 मार्च 2018 को ग्राम सभाओं को ध्वस्त करने का एक निर्णय कैबिनेट में लिया। सरकार इस निर्णय को खत्म करे। सजा पुनरीक्षित समिति की नियमित बैठकें हो और निर्णय का समय पर अनुपालन हो। -बंधु तिर्की, विधायक, झाविमो।