Ranchi– राजधानी में मकान बनाना और महंगा हो गया है। इसके पीछे की वजह बालू की कीमत हुआ इजाफा है। रांची में बालू की कीमत पिछले आठ माह में दोगुनी हो गई है। जिले में बालू खनन का कार्य पिछले साल जून से बंद है। जिनके पास बालू स्टॉक करने का लाइसेंस है, उनके पास भी बालू नहीं है। वह दूसरे जिले से महंगे दर पर खरीदकर यहां बेच रहे हैं।
पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू घाटों के उत्खनन पर रोक लगाई गई थी। 15 अक्टूबर बाद रांची जिले को छोड़कर लगभग सभी जिलों में फिर से खनन का कार्य शुरू हो गया। लेकिन रांची में अभीतक खनन के लिए घाटों का आवंटन नहीं हुआ है।
बालू घाटों का आवंटन नहीं होने की वजह से जिन बालू कारोबारियों के पास पहले से स्टॉक है वह भी महंगे दर बेच रहे है।
बालू की बढ़ी कीमत का सबसे ज्यादा मार उन लोगों को झेलनी पड़ रही है, जिनका काम आधा अधूरा लटका हुआ है। यह लोग मजबूरी में महंगे दर पर बालू खरीदकर निर्माण कार्य करा रहे हैं। इधर, नई व्यवस्था के तहत इन घाटों से खनन कराने की जिम्मेदारी झारखण्ड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन को दी गई है। कारपोरेशन द्वारा पिछले कई माह से सिर्फ यही कहा जा रहा है कि वह बहुत जल्द इसे शुरू करेंगे। लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने की वजह से समस्या जस की तस बनी हुई है।