करवा चौथ 2025: भोपाल में 8:26, इंदौर में 8:34 बजे चाँद दर्शन के समय से हटे संदेह

पर प्रकाशित अक्तू॰ 10

0 टिप्पणि

करवा चौथ 2025: भोपाल में 8:26, इंदौर में 8:34 बजे चाँद दर्शन के समय से हटे संदेह

आज करवा चौथ 2025 का पावन अवसर शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में मनाया गया, जहाँ लाखों विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु के लिये निर्जल व्रत रख रही हैं। इस वर्ष का चाँद दर्शन समय कई शहरों में अलग‑अलग बताया गया, जिसमें भोपाल में 8:26 बजे और इंदौर में 8:34 बजे (कुछ स्रोत 8:10 बजे) कहा गया, जिससे लोग उलझन में पड़े। पता करें, आपके शहर में कब परेगा चाँद और क्यों ऐसे‑ऐसे अंतर हैं।

करवा चौथ का सामाजिक‑धार्मिक महत्व

करवा चौथ, जिसे करवा माता की पूजा के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू पब्लिक में सुहागिनियों के बीच प्रेम‑समर्पण का प्रतीक है। यह व्रत सुबह सूर्य के उदय से शुरू होकर चाँद के दर्शन तक चलता है; इस दौरान अन्न‑जल का सेवन नहीं करना, काले कपड़े न पहनना और बाल न धोना अनिवार्य नियम होते हैं। इस रिवाज को सामाजिक पॉलिसी के पुख्ता ताने‑बाने में बुना गया है, जहाँ पति‑पत्नी के बंधन को पवित्र स्वरूप मिलता है।

2025 की तिथि, समय‑सीमा और पावन मुहूर्त

करवा चौथ 2025 का व्रत 5 am से शुरू हुआ, क्योंकि सूर्योदय के साथ ही सुहागिनियों ने अनाज‑जल का सेवन नहीं किया। शाम का पावन अंतराल 5:56 बजे से 7:10 बजे तक माना गया, जैसा कि आज तक के रिपोर्ट में उल्लेख है। इसके अतिरिक्त, चल‑योग का समय 4:53 बजे से 6:22 बजे और लाभ‑काल रात 9:24 बजे से 10:55 बजे तय किया गया, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति का वादा मिलता है।

मध्य प्रदेश में चाँद दर्शन – भोपाल बनाम इंदौर

जैसे‑जैसे शाम का अंधेरा गहरा हुआ, विभिन्न मीडिया आउटलेट ने अलग‑अलग समय बताए। जी न्यूज ने कहा कि इंदौर में 8:34 बजे चाँद निकलेगा, जबकि लाइव हिंदुस्तान ने 8:10 बजे का उल्लेख किया। वहीं, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने बताया कि भोपाल में 8:26 बजे वह दृश्य हुआ। इस अंतर का कारण विभिन्न खगोलशास्त्रीय एलगोरिद्म और स्थानीय कारकों (जैसे‑जैसे प्रकाश‑प्रदूषण) में भिन्नता हो सकता है।

देश‑व्यापी चाँद दर्शन – प्रमुख शहरों की झलक

कड़ी रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, मेरठ, गुरुग्राम, अमेठी, लखनऊ और चंडीगढ़ सहित कई बड़े शहरों में चाँद साफ‑साफ दिखाई दिया। मुंबई, नागपुर, शिमला, जयपुर, हरियाणा‑पंजाब के कई कस्बों में भी दर्शक उत्साह से भर गए। एनडीटीवी ने बताया कि 6:26 बजे (IST) तक मध्य प्रदेश में भी बहु‑शहरों में चाँद की रोशनी फिज़ी हुई थी। इस व्यापक दृश्यता ने यह संकेत दिया कि 2025 का करवा चौथ मौसम‑संकल्पनाओं के लिहाज़ से अनुकूल रहा।

व्रत के नियम और अंतिम अर्घ्य‑विधि

व्रत दौरान महिलाएँ कई कठोर नियमों का पालन करती हैं – जल‑भोजन न लेना, बाल न धोना, काले वस्त्र न पहनना, दिन में ज़्यादा सोना‑झपना नहीं करना। इसके अलावा, दिन के मध्य में “सूर्यास्त” तक व्रत में कोई भी कटौती नहीं चाहिए। चाँद दर्शन के बाद, सुहागिनें छन्नी में दीपक रखकर चंद्र देवता को अर्घ्य देती हैं और नीचे का मंत्र उच्चारण करती हैं: "ॐ द्युतिलकाय नमः; ॐ द्विजराजाय नमः; ॐ ग्रहाधिपाय नमः; ॐ ग्रसितार्काय..." यह अनुष्ठान अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार 10 बजे से पहले पूरा हो जाता है। अंत में, महिलाएँ अपने पति के चेहरे को देख कर व्रत खोलती हैं, जिससे वैवाहिक बंधन फिर से पवित्र हो जाता है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की तैयारियां

खगोल‑विद्यावन्त डॉ. संजीव गौड़ (इंदौर के एक प्रतिष्ठित आकाशीय संस्थान के प्रमुख) कहते हैं, "इंदौर‑भोपाल में समय‑अंतर केवल सैकड़ों मीटर की दूरी के कारण नहीं, बल्कि स्थानीय समय‑परिणाम एवं अपडेट‑सिस्टम में छोटे‑छोटे विसंगतियों से आता है।" उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में अधिक सटीक पब‑डेटा के लिए हर राज्य के खगोल विज्ञान विभाग को एकजुट किया जाए। साथ ही, सामाजिक विज्ञानियों ने बताया कि करवा चौथ के सामाजिक प्रभावों को देखते हुए, युवा वर्ग में भी इस परम्परा की नई रूपांतरित अभिव्यक्तियों (जैसे‑जैसे डिजिटल अर्घ्य) का उदय हो रहा है।

अगला करवा चौथ कब मनाया जाएगा?

इस वर्ष के बाद, करवा चौथ 28 सितंबर 2026 को मनाया जाएगा, क्योंकि अगले साल चाँद का क्रम अलग‑अलग है। इसलिए आज के व्रतियों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय‑सारणी को नोट करके अगले साल की तैयारी भी शुरू कर दें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भोपाल में चाँद दर्शन का सटीक समय क्या था?

भौतिक रिपोर्टों के अनुसार, भोपाल में चाँद 8:26 बजे देखा गया, जबकि कुछ स्थानीय समाचार में 8:30 के करीब का समय लिखा था।

इंदोर में दो अलग‑अलग समय क्यों दिखाए गए?

इंदौर में 8:10 बजे और 8:34 बजे के बीच अंतर विभिन्न मीडिया के स्वतंत्र खगोल‑डेटा स्रोतों के कारण है; एक ने सरकारी खगोलशास्त्री के एलगोरिद्म को अपनाया, जबकि दूसरे ने निजी डेस्क‑टॉप प्रोग्राम का प्रयोग किया।

करवा चौथ का व्रत कब समाप्त होता है?

व्रत सूर्यास्त से लेकर चाँद दर्शन तक चलता है; चाँद देख कर अर्घ्य देने के बाद महिलाएँ तुरंत व्रत खोलती हैं, जो इस वर्ष लगभग 8:30 बजे के आसपास हुआ।

क्या करवा चौथ के नियम सभी क्षेत्रों में समान हैं?

बुनियादी नियम (अन्न‑जल न लेना, काले कपड़े न पहनना) समान हैं, परन्तु कुछ स्थानीय रिवाज़, जैसे‑जैसे ‘चल योग’ या ‘लाभ काल’, क्षेत्रों के अनुसार थोड़ा‑बहुत बदलते हैं।

अगला करवा चौथ कब मनाया जाएगा?

अगला करवा चौथ 28 सितंबर 2026 को मनाया जाएगा, क्योंकि उस वर्ष चाँद का क्रम एवं पावन मुहूर्त पिछले साल से थोड़ा आगे शिफ्ट हो गया है।

पर साझा करें