रिपोर्ट नेहाल अहमद
किस्को(लोहारदगा):भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी संस्थान लाल बहादुर शास्त्री भवन नई दिल्ली में आयोजित जलवायु अनुकूल प्रजातियों एवं कार्य प्रणालियों पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ। इस मौके पर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ हेमंत कुमार पांडेय, डॉ सुषमा सरोज सुरीन एंव डॉ भारती मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस दौरान किसानो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संबोधित करते हुए दुनिया में जलवायु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। भारतीय कृषि मौसम पर आधारित है।इस कारण इसके चपेट में किसानों के आने की संभावना सबसे अधिक है। इसलिए यह जरूरी है कि किसानों को यह पता होना चाहिए की समस्या का सामना कैसे किया जाए। मौके पर प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि जलवायु में होने वाले परिवर्तन से फसल को बचाने हेतु जलवायु अनुकूल चयनित बीजों का ही खेती करें जिससे कम से कम नुकसान हो उन्होंने बताया कि किसान धान की फसल सीआर-201 निकरा एरोटिक-1 एवं उरद की खेती में विराट, वर्षा एवं हीरा आदि बीज का उपयोग कर सकते हैं। मौके पर केवीके के मुकेश कुमार सुधीर कुमार रश्मि कांडुलना मदन मोहन मिश्रा विनोद उरांव महेंद्र कुमार बागवानी मित्र नईम अंसारी कृषक मित्र बिनु उरांव, मेराज अंसारी मैनुल अंसारी सहित अन्य मौजूद थे।