…बीते शाम को भी जवाखाड़ में एक घर को पूरी तरह हाथियों ने किया क्षतिग्रस्त
कुडू एवं चंदवा के सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में 25 से 30 गजराजों की धमक से लोग काफी भयाक्रांत हैं। इस क्षेत्र के निवासी हाथियों के द्वारा जवाखाड़ के अमूल सुरीन का घर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। बीते दो दिनों में अमूल सुरीन के घर को दो बार हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर लगभग 4 से 5 कमरों को तोड़ दिया है। जिससे कई मुर्गियां दब कर मर गयी हैं। विलियर्स सिंचाई मशीन, बर्तन, घरेलू सामग्रियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
हाथियों की धमक से चंदवा प्रखंड के बरवाटोली पंचायत के रूद महुआ डिपा, हड़गड़ा, बरवाटोली नीचे टोला, तयाबर, जमुआरी उडराटोली एवं लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के टाटा कालीपुर, लुरूँगी, राजरोम आदि गांव के ग्रामीण काफी परेशान एवं डरे हुए हैं।
नहीं मिल रहा है ग्रामीणों को समुचित सहयोग
चंदवा से वन विभाग के गार्ड द्वारा पीड़ित परिवार के लिए 25 किलो चावल, 2 किलो दाल और 2 किलो आलू पहुंचाई गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग से हाथियों को भगाने के लिए कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण चंदवा लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी हो जाती है, वहां से अधिकारियों को आने में भी देर होती है। जिसके कारण सहयोग नहीं मिल पाता है। उनका मानना है कि 10 लाइट, मोबिल, मिट्टी तेल उन्हें दी जाती तो रात जग्गी करने में सहयोग मिलती। प्रकाश से हाथियों का झुंड उनकी ओर नहीं आता, नहीं तो और भी ना जाने कितने घरों को हाथियों द्वारा तोड़ने का डर सता रहा है।
ग्रामीण रहमतुल्ला, अजय साहू, चामू केरकेट्टा, धरम, फ्रेडरिक, मनोज, दीपक, ज्योतिष, विराज, रवि, मिस्टर समेत सैकड़ों ग्रामीण अलग-अलग टोली बनाकर आग जलाकर प्रकाश कर हाथियों से बचने के लिए रत जग्गी कर रहे हैं। गाजे-बाजे के साथ भी तैयारी में है कि किसी भी बहाने हाथी उनके घरों तक ना पहुंचे।
मुख्यालय से दूरी भी परेशानी का बना सबब
मुख्यालय से दूर एवं दो जिलों के सीमा क्षेत्र होने के कारण भी समुचित सहयोग सरकारी विभागों का इन तक नहीं पहुंच पा रहा है ऐसा मानना ग्रामीणों का है. ग्रामीण कहते हैं कि हम लोग का गांव क्षेत्र 2 जिलों के मध्य बटा हुआ है. जिसके कारण काफी दिक्कत होती है. चंदवा करीबन यहां से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी है, लातेहार 45 किलोमीटर है जबकि बगल के जिले के प्रखंड मुख्यालय कुडू यहां से 2 से 4 किलोमीटर की दूरी है एवं जिला मुख्यालय लोहरदगा 20 किलोमीटर पर है। बरवाटोली पंचायत को लोहरदगा में शामिल करने से ग्रामीणों को सन्देश सम्प्रेषित करने व सहयोग में भी काफी मदद मिल सकती है।