लातेहार – माको मोड़ में नागरिकता संशोधन कानुन (सीएए) नागरिक जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और भारतीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ 09 जनवरी गुरुवार को बुद्धजीवीयों की बैठक संपन्न हुई, अध्यक्षता श्रवन पासवान ने कि संचालन सुरेश कुमार उरांव कर रहे थे,
बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार संविधान को खोखला करने की प्रयास पुरी ताकत से कर रही है, आरक्षण, रोजगार रोटी जीने के साथ लोगों के मौलिक अधिकार को छिन्न – भिन्न करने का एक कोशिश सीएए एनपीआर लाकर किया गया है, देश की करोड़ों आम जनता में डर और भय का माहौल है, वे डेकोमेंट्स के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं, एनपीआर और आने वाले एनआरसे सबसे ज्यादा असर जंगल पहाड़ मे बसने वाले दलितों, आदिवासियों, भुमिहिण गरीबों और अशिक्षित परिवारों पर पड़ेगा, आज अपने ही देश में घुसपैठिए और दोयम दर्जे की नागरिक बनाने की संडयंत्र भाजपा सरकार ने रच दी है, देश को बांटने तथा नफरत फैलाने के उद्देश्य के साथ साथ संविधान में समानता के अधिकार को चोट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ग्रृहमंत्री अमित साह ने सीएए में धर्म और जाति का जिक्र किया है, लोगों ने कहा कि यह लड़ाई देश और संविधान को बचाने के लिए है,
लोगो ने जेएनयू मे नकाबपोश गुण्डों के द्वारा छात्रों और शिक्षण संकाय पर किए गए क्रूर हमले. व जामिया मिल्लिया इस्लामिया युनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई की निंदा की गई, कहा कि
दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में सशस्त्र नकाबपोश पुरुषों ने जेएनयू कैंपस में प्रवेश किया और तीन घंटे तक कैंपस के अंदर लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर छात्रों की पिटाई की. जिसमे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आयशी घोष सहित उनके साथ 20 छात्र – छात्राएं और शिक्षक घायल हो गए थे,
दिल्ली में केंद्र सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने मे नकाम हो जाती है तो देश की हालत किया होगा,
देश का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को भाजपा सरकार ने देश दुनिया में बदनाम कर दिया है, छात्र छात्राओं पर मुंह ढक कर हमला करने वालों ने कायर्ता का परिचय दिया है, भाजपा सरकार छात्र छात्राओं को पढ़ाई से दुर रखना चाहती है,
विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त कर जेएनयू में हमला करने वाले नकाबपोश गुंडों पर कार्रवाई कर जेएनयू परिसर में
सामान्य स्थिति और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा कायम किया जाना चाहिए,
बैठक में जनसभा की सफलता के लिए 11 जनवरी को सभी प्रखंडों में बैठक करने, इसमें अधिक से अधिक संख्या में लोगों को भागीदारी सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया गया,
बैठक में जिला परिषद गारू सुखदेव उरांव, मदन पाल, प्रदीप गंझु, बालदेव भगत, बिनोद राम, संतोष राम, मुनेश्वर राम, श्रवन पासवान, संटु कुमार, सुनील प्रसाद, लगन मनोहर खाखा, किसान, सोहराई सिंह,
एडवोकेट समशुल कमर खान, समशुल होदा, फिरोज अहमद, अयुब खान, मो0 रिजवान, अफताब आलम, डॉक्टर सम्श रजा, मो0 कमरूल आरफी, मो0 एहसान, मो0 आरिफ, हाजी तौकीर, मो0 अहद खान, असगर खान, बाबर खान, साबीर अंसारी, नुर मोहम्मद अंसारी, मो0 मुस्तफा, मो0 नौशाद, मो0 अख्तर हुसैन, मुबारक आलम, मो0 इजहार, मो0 अब्दाल, मो0 जावेद अख्तर, अजमतुल्लाह अंसारी, नौशाद खान, मो0 खुर्शीद अंसारी, मो0 शाबीर अली, मो0 इनायत, मो0 नसीम, सलाम अंसारी, मो0 कौशर, हाजी अमीर हुसैन, मो0 कमरूद्दीन, कलीम अंसारी, प्यारूल अंसारी, इसमाईल अंसारी, समेत बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।
जेएनयू और जामिया युनिवर्सिटी मे घटित घटना की निंदा की गई
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