लातेहार – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया केन्द्रीय बजट सरकारी संपतियों को बेचने और उसका निजीकरण करने वाला यह बजट है, यह बातें माकपा के लातेहार पुर्व जिला सचिव अयुब खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही, कहा कि
देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी जो सरकार को हर वर्ष लाखों करोड़ों रूपया विकास के लिए देता है, जो हमेशा फायदा मे रहता है उसके बड़े हिस्से को निजी हाथों मे बेचने तथा देश मे सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी देने वाला रेलवे का निजीकरण की मुहिम को और तेज करने की बात इस बजट में की गई है,
वहीं पूरा देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है, लेकिन बजट मे इसकी चर्चा नहीं है, 45 साल के बाद देश मे सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, नोटबंदी के बाद लाखों लोगों का रोजगार छिन गया, लेकिन रोजगार बढ़ाने पर कोई जोर नहीं है. बजट मे 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश किया गया जिसमे राज्यों का हिस्सा 42 से 41 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे राज्यों को केन्द्र पर ज्यादा निर्भर रहना होगा,
और 150 निजी तेजस एक्सप्रेस को चलाने की घोषणा की गई है, स्वास्थ्य व्यवस्था को भी प्राइवेट के हांथों मे सौपने की तैयारी है, और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाने का प्रस्ताव है, बिजली विभाग का भी निजीकरण करने और मोबाइल की तरह कई निजी कंपनियों से रिचार्ज करने का प्रावधान है, ग्रामीण विकास और किसानों पर जोर दिया गया है, लेकिन उसमे वृद्धि मात्र दो प्रतिशत किया गया है, वहीं कृषि और सिचाई क्षेत्र मे मात्र 5.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो महगांई के हिसाब से वास्तविक रूप मे शून्य है, भूख और कुपोषण से निपटने के लिए बजट मे कोई बढ़ोतरी नहीं किया गया है और न ही परियोजना कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी की घोषणा की गई है, नई शिक्षा नीति जो शिक्षा का निजीकरण को बढ़ावा देती है, बजट मे छात्रों को भी निराश किया गया है, कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाला यह बजट है, कुल मिलाकर यह बजट देश की सरकारी सम्पत्तियों को बेचने वाला और देश की अर्थव्यवस्था को सत्यानाश करने वाला बजट है।
सरकारी संपतियों को बेचने और उसका निजीकरण करने वाला बजट : अयुब खान
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