लातेहार – केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों व वामदलों तथा झारखंड राज्य किसान सभा के आह्वान पर देशव्यापी आम हड़ताल को लेकर माकपा एवं झारखंड राज्य किसान सभा ने पेंशनर समाज परिसर चंदवा में संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया, अध्यक्षता रसीद मियां ने की, संचालन पंचु गंझु कर रहे थे, माकपा जिला सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण मजदूरों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है, अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, बड़े पैमाने पर रोजगार खत्म हो रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय संपत्ति को निजी हाथों में बेचने का प्रयास भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है, जनता के इस ज्वलंत मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सरकार झुठ और नफरत की राजनीति कर देश की एकता अखंडता को तोड़ने पर तुली हुई है, लोगों मे डर और भय का माहौल है,
झारखंड राज्य किसान सभा के लातेहार जिला अध्यक्ष अयुब खान ने कहा की भाजपा सरकार के नीतियों के कारण देश की लाखों पढ़ें लिखे युवा बेराजगारी का दंश झेल रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार जनविरोधी है, इसके गलत नीतियों के कारण महंगाई बेरोजगारी आसमान पर है,
सरकारी सम्पतियों का निजीकरण कर बेचने पर सरकार आमदा है, देश में कमरतोड़ महंगाई व भयानक बेरोजगारी है,
किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है वे आत्महत्या करने को विवश हैं बावजूद भी किसानों कि कर्ज माफी नहीं हो रही है, सभी के लिए समान वेतन का निर्धारण होना चाहिए, स्थाई बारह मासी कामो के लिए ठेका प्रथा बंद किए जाएं, संविदा, आउट सोर्सिंग कर्मचारी जो नियमित कर्मचारी का कार्य कर रहे हैं उन्हें नियमित सरकार को करना चाहिए, जबतक उन्हें नियमित नहीं किया जाता तबतक नियमित कर्मचारीयों के बराबर वेतन भत्ता दिया जाए, महंगाई चरम पर है इससे उबारने के लिए सरकार की कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली काफी कमजोर है, सभी गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है, श्रम विरोधी कानुन से मजदुरो कर्मचारियों तथा असंगठित मजदूरों किसानों का शोषन किया जा रहा है, स्कीम वर्कर्स आंगनवाड़ी मिड्डे मील आशा रोजगार सेवक ग्रामीण चौंकीदार पार्कों स्मार्कों मे कार्यरत कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किए जाने से उन्हें परेशानी हो रही है, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया जाने तथा प्रदेश में न्यूनतम के लिए समिति का गठन नहीं होने से इसके लाभ से वंचित हैं, वादा अनुसार किसानों के फसल का डेढा दाम नहीं मिल रहा है, वन अधिकार कानुन सख्ती से लागू नहीं किए जाने से वन पट्टा के लिए आदिवासी दलित वंचित हो रहे हैं, कॉरपोरेट पक्षिय नितियों के कारण जल जंगल जमीन खनिज की लूट हो रही है, विकास कार्य ठप हो जाने से श्रमिक पलायन को विवश हैं विस्थापन रोकने के कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं,
धरना प्रदर्शन में शोभन उरांव, जसमुदीन खान, राहुल गंझु, अबास मियां, अनिल मुंडा, सनीका मुंडा, बीनोद उरांव, इस्तेखार खान, बड़कु खान, साजीद खान, बैजनाथ ठाकुर, असरफुल खान, रियाजुल खान, अब्दुल अंसारी, तनवीर आलम, सेराज अंसारी, नरेश उरांव, मनु उरांव, अशोक साव, मकुंन गंझु, सुधन गंझु, फहमीदा बीवी, आशा देवी, कसीरन बीवी, अजमेरून बीवी समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा की मोदी सरकार जनविरोधी, महंगाई बेरोजगारी आसमान पर : अयुब खान
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