लोहरदगा जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों पर उठाए सवाल
लोहरदगा में कर्फ्यू के दौरान तैनात जवान की ठंड लगने से मौत हो गई। मृतक जवान 44 वर्षीय अजय कुमार गुप्ता पीटीसी पदमा हजारीबाग ट्रेनिग सेंटर से लोहरदगा आए थे।
23 जनवरी को सीएए के समर्थन में निकली रैली पर पथराव के बाद आगजनी और हिंसा को देखते हुए कर्फ्यू लागू किया गया है। भारी संख्या में शहर में सुरक्षा बल तैनात हैं।
जवान अजय कुमार गुप्ता शहर के सोमवार बाजार के पास ड्यूटी कर रहे थे। फिलहाल शहर में रात का कर्फ्यू जारी है। इनकी मौत ठंड लगने से हुई बताई जा रही है।
अजय रात्रि डियूटी के बाद सुबह में शौच के लिए बाथरूम में अंदर गए थे। देर तक बाथरूम का दरवाजा नही खुलने पर साथी पुलिसकर्मियों ने शौचालय का दरवाजा तोड़ दिया। इन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक जवान पलामू जिले के निवासी हैं। फिलहाल इनके परिजन रांची के खलारी में रहते हैं।
डीआईजी आमोल विष्णु होमकर ने कहा कि लोहरदगा में विषम परिस्थितियों में जवानों को ड्यूटी करनी पड़ी है। कर्तव्य पालन के दौरान जवान के निधन से झारखंड पुलिस परिवार मर्माहत है। मृतक के आश्रितों को हर संभव सहायता दी जाएगी। ला एंड ऑर्डर में तैनात तमाम अधिकारी और जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
ठंड की वजह से जवान की मौत के बाद साथी पुलिसकर्मियों में काफी गुस्सा दिख रहा है। गुस्सा जायज भी है क्योंकि इन्हें काफी विषम परिस्थितियों में ड्यूटी करनी पड़ी है। कड़ाके की ठंड और बारिश में ड्यूटी जवानों ने की है। दिन रात कटे रहे हैं।
आपात स्थिति से निपटने को तैयार इन जवानों को रोटेशन में आराम, बेहतर खाने-पीने, ठंड से बचने की सुविधा मिलनी ही चाहिए थी। जो लोहरदगा में.वाकई नजर नहीं आई। मृतक जवान के साथ तैनात पुलिसकर्मियों ने लोहरदगा में जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए इनकी कार्य कुशलता पर सवाल खड़ा किया है।
लोहरदगा में अशांति और कर्फ्यू के दौरान सरकारी तंत्र की कार्यकुशलता पर कई सवाल खड़े हुए हैं। पुलिसकर्मी की मौत भी एक ऐसी घटना है जिसकी सफाई देना शायद जिला प्रशासन के लिए संभव नहीं होगा। जवानों को लगातार छह दिन तक बिना रोटेशन के 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ी।
















