जयंती पर याद किए गए सीमांत गांधी और राष्ट्रकवि प्रदीप
महिला कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों ने राष्ट्रवादी नेता और कवि को श्रद्धा सुमन अर्पित किया
लोहरदगा: गांधीवादी स्वतंत्र सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान और राष्ट्रकवि प्रदीप की जयंती मनाई गई। एमएलए महिला कॉलेज लोहरदगा में शिक्षकों और छात्राओं ने राष्ट्रवादी और समरसता वादी नेता और कवि को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस मौके पर प्रिंसिपल प्रो स्नेह कुमार ने कहा कि बादशाह खान जिन्हें सीमांत गांधी भी कहा जाता है गंगा जमुनी संस्कृति के प्रबल समर्थक और धर्म के आधार पर देश के विभाजन के विरोधी थे। भारत रत्न का सम्मान पानी वाले अब्दुल गफ्फार खान से आज के भारत में नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई। खुदाई खिदमतगार संगठन की शुरुआत कर समाज को एक सूत्र में बांधे रखने का प्रयास किया। वहीं राष्ट्रकवि रामचंद्र नारायण जी द्विवेदी ने देश भक्ति, एकता और अखंडता के साथ समरसता को बढ़ाने वाली कालजयी रचनाएं लिखीं। भारत चीन युद्ध में शहीद जवानों पर लिखा उनका गीत- कर चले हम फिदा जानो तन साथियों, के अलावा- इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के, दूर हटो ए दुनिया वालो हिंदुस्तान हमारा है, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल जैसे गीत मील का पत्थर हैं। शिक्षकों ने कहा कि प्रदीप ने अपनी कलम से स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जा देने का काम किया। इस मौके पर स्कूल के शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी और सभी फैकल्टी की छात्राएं मौजूद थी।
सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान और कवि प्रदीप को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं शिक्षक और छात्राएं