रांची: मदरसा शिक्षा आलिम एवं फ़ाज़िल की परीक्षा झारखण्ड अधिविध परिषद द्वारा नही लिये जाने के विरोध में आज मदरसा इस्लामिया अपर बजार में छात्रों ने प्रर्दशन किया।
मौके पर उपस्थित झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य अलग होने के बाद से 2019 तक आलिम व फाजली की परीक्षा जैक द्वारा ही आयोजित होते रही है।
हमलोगों के मांग पर तत्कालीन उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान ने नवम्बर 2017 में रांची विश्वविद्यालय को आलिम (बी.ए) एवं फाजली (एम.ए) का रेगुलेशन, पाठयक्रम संचालन और परीक्षा व अन्य कार्य के लिए प्राधिकृत किया था, रांची विश्वविद्यालय ने भी नियमवली तैयार कर ली थी, लेकिन निदेशक के बदलते ही उच्च शिक्षा विभाग ने 2019 में रांची विश्वविद्यालय से प्रस्ताव वापस ले लिया जिसके कारण सरकार के निर्देश पर जैक को ही आलिम और फाजली की परीक्षा लेनी पड़ी।
इधर एकाएक सत्र 2017-2020 आलिम और सत्र 2018-2020 फाजिल की परीक्षा जैक द्वारा लिये जाने से इनकार करने से हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।
जो कही से भी न्याय उचित नही है।
चुकि परीक्षा नही लेने सम्बंधी कोई आदेश सरकार द्वारा नही दिया गया है, वहीं इन छात्रों का पंजीयन भी जैक ने ही की है। ऐसे में जैक को तानाशाही रवैया को छोड़कर छात्रहित में परीक्षा आयोजित करना चाहिए, इस मामलें पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरने, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो जी को पहल करते हुए इस बार परीक्षा जैक द्वारा आयोजित करवाने और अगले सत्र की परीक्षा रांची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित करवाने का निर्देश जैक और उच्च शिक्षा विभाग को देना चाहिए। केवल मुस्लिमों को वोट बैंक नही समझना बल्कि उनके मसलों को भी हल किया जाना चाहिए।
मांग पर कारवाई नही होने पर संडक पर उतर कर प्रर्दशन करने का निर्णय लिया गया।
मौके पर मो इमरान, गुलाम सरवर,मो सादिक,अल्ताफ़, इल्यास, सरताज,इंजमाम,नेसार,रिज़वान,मुमताज, मोख्तार, मुर्शिद,अबदुल्लाह, सरफराज, आज़ाद, मोज़फ्फर आदि मौजूद थे।
मदरसा बोर्ड के आलिम और फाजिल की परीक्षाएं रुकने पर विरोध हुआ शुरू
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