सीनियर संवाददाता रहमतुल्लाह अंसारी
मध्य प्रदेश:-
कांग्रेस नेतृत्व के अड़ियल रवैये ने मध्य प्रदेश की सरकार पर संकट बढ़ा दिया है. बल्कि, अब तक जैसी राजनीतिक परिस्थ्तियां बन चुकी हैं, उसमे यह साफ हो गया है कि कमलनाथ सरकार अब कुछ घंटों की तो नहीं लेकिन कुछ दिनों की ही सरकार रह गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को फिर मुलाकात कर यह साफ कर दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाकर चलने के लिए तैयार हो गए हैं. मोदी मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा के जरिए पहुंच सकते हैं. सिंधिया खेमे के 20-24 विधायकों के इस्तीफा देने की संभावना जताई जा रही है. इससे कमलनाथ सरकार बहुमत से दूर हो जाएगी. साथ ही पहले से बहुमत के पास खड़ी भाजपा मजबूत हो जाएगी. बताया जा रहा है कि सिंधिया मंगलवार की शाम को ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं!
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेतृत्व यानि कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से लगातार की उपेक्षा की जा रही है. बताते हैं कि ज्योतिरादित्य लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेतृत्व से राज्यसभा भेजे जाने की अपेक्षा कर रहे थे. कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी से सिंधिया की शिकायतें की थीं. सिंधिया लगातार कमलनाथ सरकार के खिलाफ सार्वजनिक बयान देते रहे. बताते हैं कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की भरसक कोशिशें कीं लेकिन उन्हें इसमें सपलता नहीं मिली!
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है. बताते हैं कि कांग्रेस में खुद को अपमानित महसूस करने के बाद ज्योतिरादित्य ने भाजपा का दामन थामने का फैसला किया. कोई अचरज नहीं कि कांग्रेस के दिग्गज युवा नेता का इस कदर पलायन राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी असर दिखाए. वजह, राजस्थान में सचिन पायलट मुख्यमंत्री से लगातार नाराज बताए जा रहे हैं. महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस नेतृत्व से खफा हैं. यह संभावना जताई जा रही है कि मोदी-शाह की जोड़ी ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे कर काग्रेस को गहरे जख्म देने की रणनीति बना चुकी हैं!