RANCHI बड़ा अस्पताल रिम्स अपनी व्यवस्था को लेकर अक्सर चर्चा में बना रहता है. वहीं, ताजा मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट के नाम पर वसूली का है, जहां एक बच्ची जो अपने पिता का पोस्टमार्टम सर्टिफिकेट लेने रिम्स में भटक रही थी. उसी समय रिम्स में ही स्थित बरियातू थाने के एक स्टाफ ने बच्ची को पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिलाने का भरोसा दिलाया, लेकिन इसके लिए पुलिस जवान ने बच्ची से एक हजार रुपए देने की बात कहीं.
पुलिस के जवान ने बच्ची से एक हजार रुपए लेकर हॉस्पिटल से बाहर आने को कहा. पुलिस द्वारा बताए स्थान पर बच्ची पैसे लेकर पहुंची, जहां जवान ने बच्ची को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी. यह सारी एक्टिविटी वहां मौजूद रिपोर्टर ने अपने कैमरे में कैद कर ली. वहीं, थाना प्रभारी ने बताया कि जांच के बाद सिपाही परशुराम कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है.
हादसे मेंपिता को खो चुकी है बेटी
पिछले महीने बच्ची के पिता रोड एक्सीडेंट में घायल हो गए थे, उन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. इसके बाद बॉडी का पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन बच्ची को पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही नहीं दी. हैरान-परेशान बच्ची पूरे दिन हॉस्पिटल और पोस्टमार्टम हाउस के चक्कर लगाती रही. लेकिन उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिली. अंत में जब वह बच्ची हॉस्पिटल में स्थित थाने में मदद के लिए पहुंची तो वहां उससे पुलिस के ही एक जवान ने रिपोर्ट के बदले एक हजार रुपए की डिमांड कर दी. बच्ची ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए दो दिन से रिम्स का चक्कर लगा रही हूं. पुलिस वाले से मदद मांगने पर एक हजार रुपए मांगा गया. मैने पैसे दिए तो मुझे रिपोर्ट दे दी गई.
रिम्स में एक्टिव हैं दलाल
हॉस्पिटल में दलाल पहले से एक्टिव हैं. लेकिन यहां लोगों की मदद और सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिसकर्मी भी अब दलाली करने लगे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के नाम पर ही लोगों से पैसे की वसूली की जा रही है. कभी ब्लड के नाम पर, कभी सर्जरी आइटम के नाम पर जन्म तो कभी मृत्यु प्रमाण पत्र देने के नाम पर भी यहां दलाली की खबरें आती रही हैं. लेकिन इस बार पोस्टमार्टमरिपोर्ट के लिए एक हजार रुपए की रिश्वत रिम्स प्रबंधन के साथ-साथ बरियातू थाना को भी शर्मसार करने वाली है. रिम्स के इमरजेंसी के पास ही बरियातू थाना की विंग स्थापित है जहां से लोगों की मदद की जाती है. रिम्स में ज्यादातर गरीब और मीडिल क्लास के लोग अपना और अपने परिजनों का इलाज कराने आते हैं. ऐसे में यदि पुलिस द्वारा मदद के नाम पर भी रिश्वत ली जाएगी तो गरीब आदमी कहां अपना इलाज कराएगा. रिम्स प्रबंधन को सारी जानकारी हुए भी वो आंखे बंद किए रहता है.
क्या कहती है पीडि़ता
पीडि़ता ने कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु हो गई है. उनके डेथ सर्टिफिकेट के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जरूरत थी. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मुझे मिल नहीं पा रही थी. एक पुलिस वाले ने कहा कि मैं तुम्हें रिपोर्ट दिलवा दूंगा. लेकिन इसके लिए एक हजार रुपए लगेंगे. पैसे देते ही मुझे रिपोर्ट मिल गई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लगता है. यदि रिपोर्ट के लिए पैसा लिया गया है तो यह बहुत ही शर्मनाक है. मैं संबंधित सिपाही के खिलाफ कडा एक्शन लूंगा. भविष्य में कोशिश होगी की थाने से ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की जाए.
-सपन कुमार महथा, थाना प्रभारी, बरियातू