रातू: मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी को पद से हटाने उनके कार्यालय की जांच एसीबी से कराने की मांग को लेकर आज रातू प्रखंड कार्यालय के समक्ष झारखंड छात्र संघ व आमया संगठन के पदाधिकारियों ने सांकेतिक प्रर्दशन किया और मुख्यमंत्री के नाम बीडोओ को मांग पत्र सौंपा।
नेतृत्व कर रहे आमया के सचिव नौशाद आलम, झारखंड छात्र संघ ग्रामीण जिला अध्यक्ष अफताब आलम ने कहा कि वन सेवा के अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी को नियमविरूध तरीके से पिछले सरकार ने आयुक्त बना दिया जो पांच वर्षों उस पद पर बैठे है,
सिद्धार्थ त्रिपाठी मनरेगा अधिनियम 2005 का धज्जियां उड़ाते हुए ग्रामसभा को दरकिनार उपर से योजनाएं थोप रहे है, मांग अधारित मनरेगा जिसमें कल्याणकारी योजनाओं का चयन ग्रामीणों द्वारा किया जाता था लेकिन उसे समाप्त कर लक्ष्य अधारित बनाकर मानव दिवस सृजन के नाम पर ऐसे योजनाएं थोपी जा रही जिससे लाभुक व ग्रामीण को लाभ नही मिल रही बल्कि सरकार राशि का दुरूपयोग और बंदरबाट हो रहा है। डोभा योजना में अनकों बच्चे का डूबकर मौत हो गया। बिरसा हरित ग्राम योजना में लुट हुआ है पौधे व खाद्य की खरीदारी करीबी एजेंसी से तीन गुणा अधिक कीमत में किया गया जो घाटिय स्तर के थे, यही हाल दीदी बाड़ी योजना का है
मनरेगा वार्षिक व्यय के 06% प्रतिशत आकास्मिता राशि में से 40-55 प्रतिशत राशि कर्मचारियों के वेतन भुगतान होता है बाकि बचे राशि किस मद में खर्च होता है उसका हिसाब नही रहता। वही मनरेगा कर्मियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा हैं।
कार्यक्रम आमया संगठन के अंजुम खान, इमरान अंसारी, मंजूर, सिद्दीक अंसारी, तहमीद, आसिफ, सईद, बारिक, अफजल अंसारी, साज़िद, अफसर, फिरोज, आसिफ रूहुल्ला, मो सामी, सालेह सईद, इमरोज, अबूबकर, मो खालिद, मोबिन, शमशाद, हारून आदि शामिल थे।
मनरेगा आयुक्त को पद से हटाने उनके कार्यालय की जांच एसीबी से कराने की मांग को लेकर आमया संगठन ने ज्ञापन सौंपा
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