रिपोर्ट: नेहाल अहमद।
करोड़ों की सड़क जनता के लिए बनी मौत का डगर।
किस्को/लोहरदगा: जिले के बहुचर्चित वर्षो से अधर में लटका रिचुघुटा भाया किस्को लोहरदगा मुख्य पथ बना जनता के लिए मौत का डगर। बता दें कि वर्षों से चुनावी मुद्दा बना रिचुघुटा पथ नेताओं के वजह से आज भी अधनिर्मित पड़ा हुआ है। बात करें झारखंड में सत्ता परिवर्तन की तो पूर्व के रघुवर सरकार के कार्यकाल में सड़क के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया था लेकिन सरकार तो बदल गई संवेदक भी बदली पर अब तक लोहरदगा से किस्को होते हुए रिचुघुटा लातेहार को जोड़ने वाली मुख्य पथ आज भी अपनी तस्वीर को बदलने के लिए तरस रही है। इधर सड़क की दुर्दशा देखते ही यह प्रतीत होता है कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है जिससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है। सड़क में लंबे समय से दर्जनों जगह पर बाक्स पुलिया निर्माण कार्य के लिए बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर यूं ही मौत को दावत दिया जा चुका है। सड़क की स्थिति इतनी भयावह है कि कभी भी कोई गरीब की जान जा सकती है। इधर सड़क निर्माण कार्य को लेकर कितने बार जनता की आवाज बने लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत द्वारा निर्माण कार्य कराए जाने को लेकर स्थल निरीक्षण भी कर अधिकारियों को इसपर पहल कराने की दिशा में अवगत कराया जा चुका है बावजूद सड़क निर्माण कार्य करा रही पांडे कंस्ट्रक्शन एवं प्रधान कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से कछुए की चाल में सड़क निर्माण कार्य कराए जाने से लोगों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। मालूम हो कि लोहरदगा से रिचुघुटा तक 78 करोड़ रुपए की लागत से सड़क निर्माण कार्य कराई जा रही है जिसे ले अनेकों बार आवाज उठती रही है लेकिन कछुए की चाल से सड़क का निर्माण कार्य कराए जाने से सडक की स्थिति दिन-ब-दिन और भी बदतर होती जा रही है। वहीं सड़क पर चलने वाली ट्रक आए दिन क्षेत्र के लोगों के लिए हर वक्त खतरों का डगर बना हुआ है। लोग भय के साथ प्रखंड व जिला मुख्यालय आवागमन करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सड़क पर चलने वाली बाक्साइट ट्रक के आवागमन पर उड़ने वाली धुल लोगों को आए दिन कई तरह के गंभीर बीमारियों को परोस रही है फिर भी सड़क निर्माण कार्य करा रहे कंपनी को जनता की स्वास्थ्य के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं है।