राँची/ओरमांझी — मेदान्ता हॉस्पिटल इरबा के कर्मियों ने बृहस्पतिवार को कोइलारी निवासी स्वर्गीय मन्नू पहान के घर पहुँच कर मन्नू पाहन की पत्नी सीमा देवी को सहायता स्वरूप 65 हजार 7 सौ रुपये नगद देकर मदद किया। मेदान्ता हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने मिलजुलकर विचार बनाया की हम लोगों के बीच काम करने वाले मनु पाहन जिन का आकस्मिक मौत हो गया था जिनके घर में कोई कमाने खाने वाला नहीं है उनकी मदद किया जाए जिसके बाद कर्मचारियों ने एक दूसरे से मिलजुल कर 65 हजार 7 हजार इकट्ठा किए और मन्नू पाहन की विधवा पत्नी सीमा देवी और उनके बाल बच्चों की लालन पालन व शैक्षणिक कार्यों के लिए मदद किया ।
मेदान्ता हॉस्पिटल के हाउसकीपिंग स्टाफ मन्नू पाहन की आकस्मिक मौत कोविड वैक्सीन लगने के बाद हो गया था।
झारखंड का सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल मेदान्ता अस्पताल के हाउसकीपिंग स्टॉफ मन्नू पाहन 52 वर्षिय का पिछले दिनों 3 फ़रवरी को कोविड वैक्सीन लगने के दूसरे दिन बाद आकस्मिक मौत हो गया था। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड वेक्सिन लेने से मन्नू की जान गई है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधक का कहना था कि मनु पाहन की मौत हार्ट अटैक से हुआ है जिसका हमेशा ब्लड प्रेशर हाई रहता था इंजेक्शन लेने से हुई मौत नहीं हुई है क्योंकि जिस भाईल से मनु को इंजेक्शन लगाया गया था उसी वाईल से और 9 लोगों को इंजेक्शन दिया गया था वही प्रबंधक का कहना था कि जिस दिन इंजेक्शन मनु को लगा था उस दिन वह पूरा स्वस्थ था और दूसरे दिन भी वह अस्पताल लाकर डिप्टी किया था इससे स्पष्ट है कि उसका मौत का कारण इंजेक्शन नहीं है जिसके बाद मामला काफी तूल पकड़ा था।
परिजनों एवं अस्पताल प्रबंधक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में 15 घंटे से अधिक समय इंतजार किया था
कब कहा कैसे हुआ था मनु की मौत
मन्नू पाहन कोइलारी निवासी प्रत्येक दिन की तरह 2 फरवरी को मेदांता हॉस्पिटल से शाम में स्वस्थ काम करके घर लोटा था। अपने बाल बच्चों के साथ बातचीत किया खाना पीना खाया फिर कुछ देर के लिए आराम करने के लिए बिस्तर पर चला गया लगभग 9:30 बजे लघुशंका के लिए बाहर निकला जिसके बाद उसे घबराहट महसूस होने लगा तो वह अपनी पत्नी सीमा देवी को कहा कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा है मुझे अस्पताल ले चलो आनन-फानन में आसपास के लोगों ने मेदांता हॉस्पिटल पहुंचाने का निर्णय लिया मन्नू को लेकर परिजन मेदांता पहुंचे तो मेदांता के डॉक्टरों ने जांच के उपरांत मन्नू को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि बीच रास्ते में ही उनका मौत हो गया है ।जिसके बाद अस्पताल कर्मी और परिजन मौत के कारण कोविड- इंजेक्शन लेना समझ रहे थे जिसके बाद लोग काफी डरे सहमे से गए थे।कोविड इंजेक्शन देने का काम भी बन्द करा दिया गया था।
3 फरवरी को मन्नू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।जहाँ कोविड वेक्सिन से मौत होने को लेकर खूब हो हंगामा भी हुआ था।