जब डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश ने दुबई में आधिकारिक तीन‑दिनीय यात्रा समाप्त की, तो निवेशकों का जोश नई ऊँचाइयों पर पहुँच गया। 15 जुलाई 2024 को उन्होंने द्वि‑सप्ताहीय दौरा‑स्पेन पारी का समापन किया, जिसमें भारत‑यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के तहत बड़ी‑बड़ी प्रतिबद्धताएँ हासिल कीं।
पृष्ठभूमि: भारत‑यूएई आर्थिक साझेदारी
2019 में शुरू हुए CEPA ने 2022 में पूरी तरह से लागू होने के बाद दो‑तीन वर्ष में व्यापार में 45 % की जबरदस्त छलांग लगाई। इस संदर्भ में सतीश कुमार सिवन, दुबई में भारत के कौंसिल जनरल ने कहा, “भारत‑यूएई संबंध आज विश्व के सबसे प्रभावशाली द्विपक्षीय साझेदारियों में से एक है।” वह बात दुबई‑स्पेन यात्रा के दौरान प्रमुख व्यापार मंचों में अक्सर दोहराते रहते थे।
दुबई दौरे की प्रमुख घटनाएँ
यात्रा के पहले दिन डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ेईउदी, यूएई के विदेश व्यापार के राज्य मंत्री से मुलाक़ात हुई। दो पक्षों ने CEPA के तहत द्वितीय चरण के प्रोजेक्ट‑पाइपलाइन को तेज करने के उपायों पर चर्चा की। इस मुलाक़ात के बाद, यादव ने "इंडिया‑टू‑यूएस‑टू‑यूएई (I2U2)" फ्रेमवर्क को मध्य प्रदेश की निर्यात‑कुशलता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच माना।
दूसरे दिन, दुबई टेक्सटाइल सिटी में Texmas के प्रतिनिधियों के साथ हस्ताक्षर समारोह हुआ। यह समझौता दोनों पक्षों को टेक्सटाइल और औद्योगिक सहयोग में नई संभावनाएँ देता है। त्योहारी माहौल में, मुख्यमंत्री ने "मध्य प्रदेश को वैश्विक व्यापार का हब बनाने" की अपनी दृढ़ दार्शनिकता को दोहराया।
निवेश के प्रमुख प्रतिबद्धतें
- गृहस्थी, नवीकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल सहित कई क्षेत्रों में Grew Solar ने पहले से निवेशित ₹3,000 करोड़ को बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ करने का लक्ष्य रखा। इस पर विनय थडानी, डायरेक्टर एवं सीईओ, Grew Solar ने कहा, “हम मध्य प्रदेश के नियामक माहौल और जमीन‑संकुचन के कारण इस वृद्धि को पर्याप्त मानते हैं।”
- जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइज़ेशन (JITO) के चेयरमैन मुकेश्वर वॉरा ने दुबई में "MP‑JITO निवेश प्लेटफ़ॉर्म" की स्थापना की घोषणा की। यह मंच उन्नत निर्माण, लॉजिस्टिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा में संयुक्त उद्यमों को सशक्त बनाता रहेगा।
- एडमिरेट्स ग्रुप, लुलु ग्रुप, डीपी वर्ल्ड, G42 और शराफ़ डीजी जैसे बड़े‑बड़े यूएई कॉरपोरेशन्स ने मध्य प्रदेश के स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और फार्मास्युटिकल सेक्टर में रुचि व्यक्त की। उनमें से कई ने आगे के दौर में विशिष्ट परियोजनाओं की संभावनाओं पर कार्य समूह बनाने की आशा जताई।
साझेदारियों का प्रभाव और भविष्य की योजना
इन निवेशों की कुल मूल्यांकन 2025 के भीतर ₹15,000 करोड़ से ऊपर पहुँचेगा, ऐसा अनुमान कई आर्थिक विशेषज्ञों ने लगाया है। विशेष रूप से, नवीकरणीय ऊर्जा में 5 GW की अतिरिक्त क्षमता स्थापित होने की संभावना है, जिससे मध्य प्रदेश की ऊर्जा संरचना में 30 % तक अक्षय ऊर्जा का योगदान बढ़ेगा।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भू‑भुगतान नेटवर्क (UPI) को UAE के AANI सिस्टम के साथ जोड़ने से द्विपक्षीय व्यापार में लेन‑देन लागत में 20 % तक कमी आएगी। यह कदम छोटे उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय सप्लाई‑चेन में प्रवेश आसान बना देगा।
विशेषज्ञों की राय और संभावित चुनौतियां
इंडिया ट्रीड एन्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (ITIF) के वरिष्ठ विश्लेषक रजत सिंह ने कहा, “यदि मध्य प्रदेश अपनी निवेश‑उदारी नीति को लगातार लागू रखता है, तो CEPA के तहत उत्पन्न हुए अवसर वास्तव में सिद्ध हो सकते हैं।” परन्तु उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि “नियामक पारदर्शिता, भूमि‑अधिग्रहण की गति और कुशल कार्यान्वयन ही प्रमुख बाधाएँ बन सकती हैं।”
दुबई में आयोजित पर्यटन निवेश राउंडटेबल में बताया गया कि मध्य प्रदेश के वैकल्पिक पर्यटन स्थलों (जैसे बौद्धिक और वैद्यकीय पर्यटन) को यूएई के हाई‑स्पेंडिंग टूरिस्ट्स के लिए विशेष पैकेज बनाकर आय में 15 % की वृद्धि हो सकती है।
आगे की कार्यवाही
दुबई दौरे के बाद, मुख्यमंत्री का अगला कदम “Invest Madhya Pradesh – Global Investors Summit 2025” का आयोजन है, जो भोपाल के टागोर मार्ग, बंगंगा पर 3‑5 फ़रवरी 2025 को होगा। इस सम्मिट में निवेशकों को फॉलो‑अप मीटिंग और फील्ड विज़िट का अवसर मिलेगा। मुख्य संपर्क के रूप में फ़ोन: 0755‑4096300, फ़ैक्स: 0755‑2583313, ई‑मेल: [email protected] दी गई है।
संक्षेप में, दुबई में आयोजित यह तीव्र‑गति वाला दौर मध्य प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर प्रमुख स्थान पर लाने की दिशा में एक मील का पत्थर बन गया है। अब देखना यह है कि इन प्रतिबद्धताओं को कब तक वास्तविक परियोजनाओं में बदला जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह दौरा किस तरह मध्य प्रदेश के निवेश माहौल को बदल सकता है?
दुबई में होने वाले प्रत्यक्ष वार्तालापों से दो‑तीन बड़े निवेशकों ने ₹10,000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स की घोषणा की, जिससे विदेशी पूंजी का प्रवाह तेज होगा। इससे राज्य की बुनियादी ढाँचा, नौकरियों और निर्यात क्षमता में तत्काल वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
CEPA के तहत कौन‑से प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग होगा?
मुख्य तौर पर कृषि‑प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और पर्यटन को लक्षित किया गया है। इन क्षेत्रों में नियामक प्रोत्साहन और सब्सिडी योजनाएँ पहले से ही तैयार हैं।
MP‑JITO निवेश प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य क्या है?
यह मंच दुबई‑आधारित जैन व्यवसायियों को मध्य प्रदेश के उन्नत निर्माण, लॉजिस्टिक्स और हरा ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में साझेदारी करने का अवसर देगा। साथ ही यह कौशल विकास, एसएमएसई समर्थन और शैक्षणिक सहयोग को भी सुदृढ़ करेगा।
उपजाऊ निवेशों के लिए कौन‑से आर्थिक प्रोत्साहन उपलब्ध हैं?
राज्य ने एग्री‑इनोवेशन क्लस्टर, रिन्यूएबल एनर्जी फ़ंड, और आईटी‑स्टार्ट‑अप इन्क्यूबेशन स्कीम जैसे कई फ़ंड स्थापित किए हैं। साथ ही भूमि‑अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए एक‑स्टॉप विंडो भी बनाई गई है।
भविष्य में कौन‑सी बड़ी घटनाएँ स्थिति को सुदृढ़ करेंगी?
भविष्य में 2025 में भोपाल में आयोजित ‘Invest Madhya Pradesh – Global Investors Summit’ प्रमुख मंच रहेगा, जहाँ नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा, फील्ड विज़िट और निवेशकों के बीच नेटवर्किंग होगी। इससे प्रतिबद्धताओं का वास्तविक कार्यान्वयन तेज़ होगा।