राँची: वक्फ सम्पत्ति से जुड़े मामलों पर वक्फ अधिनियम के अनुसार कार्रवाई व सुधार करने की मांग को लेकर आमया संगठन झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का घेराव किया और बोर्ड के सीईओ के नाम मांग पत्र सौंपा।
संगठन के अध्यक्ष एस अली ने बताया कि राज्य में हजारों एकड़ वक्फ की सम्पत्ति है जिसके अंशदान से मुस्लिम समुदाय के शैक्षिणक, समाजिक और आर्थिक हालातों में सुधार किया जा सकता है, लेकिन अधिक्तरों वक्फ सम्पत्तियों में अतिक्रमण और कब्ज़ा है जिसपर कार्रवाई के लिए वक्फ बोर्ड कोई भी प्रयास नही किया जाता, अवैध कागजात के सहारे वक्फ सम्पत्ति में कब्ज़ा करने वालों के विरुद्ध सुनवाई होने के बावजूद निर्णय बोर्ड नही दे रहा है, दो वर्षों तक लगातार लेखा जोखा और अंशदान नही देने वाले वक्फ प्रबंधन कमिटी पर धारा 67 के तहत बर्खास्त करने का प्रावधान है लेकिन बोर्ड के सीईओ मुकदर्शक बने रहते है। जबकि वक्फ संशोधन अधिनियम 2013 में वक्फ बोर्ड के सीईओ को मुख्य संरक्षक और कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है लेकिन सीईओ बोर्ड में अध्यक्ष सदस्य नही होने का बहाना बना रहे है जो वक्फ कानून का उल्लंघन है।
केन्द्र वक्फ परिषद द्वारा नावडको योजना के तहत दिये गये राशि से वक्फ सम्पत्ति का बेहतर संचालन, संधारण और कम्प्यूटरीकृत करना था वो भी कछुवा के चाल से चल रहा है।
राज्य सरकार द्वारा भी कई विभागों के प्रभारी अधिकारी को वक्फ बोर्ड का सीईओ बनाया जाता है, जो महीने कार्यालय नही आते यही हाल अनुबंध कर्मियों का है जो ना समय से आते और ना है जाते है बल्कि सभी मामलों को लटका के रखते, जबकि नियमानुसार सरकार को वक्फ बोर्ड में डिप्टी सेक्रेट्री रैंक के परमानेंट अधिकारी और कर्मचारी देना है।
इस मौके पर आमया संगठन के लतीफ़ आलम, मो नौशाद, मो फुरकान, जियाउद्दीन अंसारी, एकराम हुसैन, अरशद जिया, अबरार अहमद, अंजर आलाम, मोईज अहमद, इमरान अंसारी, तहमीद अंसारी, मो आसीफ, मंजूरी आलम, अब्दुल रहीम, अलाउद्दीन, अफजल खान, जावेद अख्तर, अब्दुल बारीक, मो सईद,आसिफ रूहहुल्ला, मोदस्सीर अहरार, अफसर आलम, मो मुजाहिद आदि शामिल थे।
वक्फ बोर्ड में सुधार की मांग को लेकर आमया संगठन ने झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का किया घेराव सीईओ के नाम मांग पत्र सौंपा।
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