मुजफ्फर हुसैन संवाददाता, रांची
रांची ब्यूरो:-
ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत झारखंड प्रदेश आदिवासी सरना पड़हा समाज के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमनाथ मुंडा के अध्यक्षता में एवं झारखंड प्रदेश आदिवासी सरना पड़हा समाज के संरक्षक रमेश उरांव के नेतृत्व में हजारों की संख्या में सरना कोड का मांग को लेकर अंचल मैदान में भिन्न-भिन्न गांव से आदिवासी महिला पुरुष अपनी वेशभूषा में आकर एकत्रित हुए। वहां से नारा लगाते हुए आदिवासी एकता जिंदाबाद, सरना कोड अभिलंब लागू करो। केंद्र सरकार आदिवासियों से छल्ला बंद करो 17 करोड़ आदिवासियों को सरना को देना होगा नरेंद्र मोदी सरकार होश में आओ, हेमंत सरकार होश में आओ, विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर सरना कोड लागू करने के लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजें। इस प्रकार नारेबाजी करते हुए अंचल मैदान से शास्त्री चौक होते हुए चकला मोड़ के पास से वापस नारा लगाते हुए प्रखंड मुख्यालय अंचल एवं प्रखंड कार्यालय में आकर हजारों की संख्या में अंचल अधिकारी शिव शंकर पांडे को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम से एवं राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा गया। उस ज्ञापन में कहा गया कि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षक रमेश उरांव ने कहां की जिस प्रकार हेमंत सरकार बनी है। जिसमें जेएमएम के एजेंडा में और कांग्रेस के एजेंडा में सरना कोड सरकार बनने के उपरांत है प्रस्ताव पारित करके भेजेंगे। लेकिन ऐसा नहीं करके अभी तक विधानसभा सत्र दो दो बार चला। लेकिन सरना कोड बारे मे विधानसभा में किसी प्रतिनिधि ने चर्चा तक भी नहीं किया ना हेमंत सरकार ना मुख्यमंत्री महोदय इसको संज्ञान में लिए। इसी को देखते हुए पूरे झारखंड में आज एक दिवसीय सभी अंचल प्रखंड नगर में इस तरह का रैली कार्यक्रम एवं धरना प्रदर्शन आहूत किया गया और कहां गया कि अभी लम राज सरकार केंद्र सरकार को प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजें और केंद्र सरकार से भी मांग किया गया कि 2021 के जनगणना में सरना धर्म कॉलम अलग से होना चाहिए। इस क्रम में विभिन्न वक्ताओं ने मांग किया गया जोरदार रूप से और इस क्रम में जब तक सरना कोड नहीं मिलता है तब तक हम आदिवासी पूरे भारत के लोग आंदोलन जारी रखेंगे। इसके लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी सड़क से सदन तक इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल हुए पड़हा समाज के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमनाथ मुंडा संरक्षक रमेश उरांव ,सोमरा उरांव बालक पहान, भादो उरांव समुंदर पहान पड़हा के महासचिव काशीनाथ पहान, रमेश चंद्र उरांव सुरेंद्र उरांव मुखिया बीना देवी सुनीता देवी गीता कच्छप सीता देवी जेठू मुंडा बिरजू उराव अशोक मुंडा जीवन मुंडा रोपण उरांव प्रोफेसर प्रतीत कच्छप गोपाल उरांव बबलू मुंडा राजधाम पाहन, जोगेश्वर उरांव बुद्धेश्वर उरांव बबीता देवी रीना देवी इत्यादि महिला पुरुष हजारों की संख्या में शामिल थे।