19 नवंबर 2025 को शाम 5:07 बजे (UTC), तमिलनाडु के कोयम्बटूर में आयोजित दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती सम्मेलन 2025 के उद्घाटन के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) का 21वां किस्त भुगतान शुरू कर दिया। इस भुगतान के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने देशभर के लगभग 9 करोड़ योग्य किसान परिवारों को 18,000 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की। यह वित्तीय वर्ष 2025-26 का तीसरा और अंतिम भुगतान है, जिसके साथ प्रत्येक किसान परिवार को वार्षिक 6,000 रुपये की सहायता का तीसरा किस्त 2,000 रुपये के रूप में पहुंच गया।
पूरे भारत में किसानों के लिए एक बड़ा वित्तीय सहारा
PM-KISAN योजना के शुरू होने के बाद से, अब तक कुल 3.88 लाख करोड़ रुपये की राशि 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों तक पहुंच चुकी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सीधी लाभ हस्तांतरण योजनाओं में से एक है। इस बार का भुगतान पिछले अगस्त 2025 में वाराणसी से किए गए 20वें किस्त के बाद आया था, जिसमें 20,500 करोड़ रुपये 9.7 करोड़ किसानों को दिए गए थे। उत्तर प्रदेश में तब 2.34 करोड़ लाभार्थी थे — यह संख्या अभी भी देश में सबसे अधिक है। महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था, जहां 92.89 लाख किसानों को भुगतान किया गया।
भुगतान कैसे होता है? पोर्टल की भूमिका
भुगतान सीधे PM-KISAN पोर्टल (pmkisan.gov.in) के माध्यम से होता है, जो सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) से जुड़ा है। यह पोर्टल किसानों की भूमि रिकॉर्ड, आधार लिंक्ड बैंक खाते और eKYC प्रक्रिया को एकीकृत करता है। यदि किसी किसान का खाता भरा नहीं हुआ है, तो उसे अपने eKYC की स्थिति जांचनी चाहिए। कई मामलों में, बैंक खाते का नंबर या आधार डिटेल्स पोर्टल पर गलत होते हैं — जिसके कारण भुगतान रुक जाता है। किसान अपना स्टेटस जानने के लिए ‘किसान कॉर्नर’ में जाकर अपना आधार नंबर, बैंक खाता या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डाल सकते हैं।
कौन पात्र है? और कौन नहीं?
इस योजना का लाभ वे किसान पाते हैं जो 2 हेक्टेयर से कम भूमि जोतते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ अपवाद भी हैं। जो लोग संवैधानिक पदों पर हैं, या जिनकी सरकारी पेंशन 10,000 रुपये प्रति माह से अधिक है, वे नहीं पाते। वहीं, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे व्यवसायी भी योग्य नहीं हैं अगर उनकी वार्षिक आय 15 लाख रुपये से अधिक है। यह नियम योजना को उन वास्तविक किसानों तक सीमित रखने के लिए है, जो वास्तव में आर्थिक रूप से संकट में हैं।
अगला कदम: 22वां किस्त फरवरी 2026 में
अगला भुगतान, 22वां किस्त, फरवरी 2026 में आने की उम्मीद है। इसके साथ ही, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह दर्शाता है कि यह योजना केवल एक चुनावी घोषणा नहीं है — यह एक स्थायी राष्ट्रीय नीति बन चुकी है। कृषि मंत्रालय हर तिमाही में बेनिफिशियरी डेटाबेस की जांच करता है, ताकि गलत नाम निकाले जा सकें और नए किसान जोड़े जा सकें।
किसानों के लिए यह क्यों मायने रखता है?
एक उत्तर प्रदेश के किसान रामनाथ सिंह कहते हैं, ‘हमारे यहां बारिश अनिश्चित है, फसलें बर्बाद हो जाती हैं। जब 2,000 रुपये आते हैं, तो हम बीज खरीद सकते हैं, बच्चों का बिल भर सकते हैं।’ यह रकम किसानों के लिए बचत का आधार नहीं, बल्कि जीवन यापन का आधार है। अक्सर यह पैसा उनके लिए एकमात्र आय होता है, जिससे वे अपने परिवार को खाना दे सकते हैं।
क्या यह योजना वाकई बदल रही है?
विशेषज्ञों का मानना है कि PM-KISAN ने किसानों के बीच विश्वास की नई लहर पैदा की है। पहले योजनाओं का भुगतान महीनों ले लेता था, अक्सर बीच में रुक जाता था। लेकिन अब, हर तिमाही में एक निश्चित तारीख पर पैसा आने की आदत पड़ गई है। यह नियमितता ही किसानों को अपने खर्च और उत्पादन की योजना बनाने में मदद कर रही है। एक नीति विश्लेषक ने कहा, ‘यह एक ऐसी योजना है जो आर्थिक सुरक्षा का एक आधार बन गई है — यह अब किसानों के जीवन का हिस्सा है।’
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
PM-KISAN का 21वां किस्त कब और कहां जारी किया गया?
21वां PM-KISAN भुगतान 19 नवंबर 2025 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर में आयोजित दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किया गया। इस भुगतान के तहत 18,000 करोड़ रुपये 9 करोड़ किसान परिवारों को सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।
किसान कैसे जांच सकते हैं कि उन्हें भुगतान मिला या नहीं?
किसान pmkisan.gov.in पर जाकर ‘किसान कॉर्नर’ में जाकर अपना आधार नंबर, बैंक खाता या मोबाइल नंबर डालकर अपना भुगतान स्टेटस चेक कर सकते हैं। यहां उनका नाम, पिता/पति का नाम, राज्य, जिला, गांव और भुगतान की स्थिति दिखाई देती है। अगर खाता नहीं भरा है, तो eKYC और बैंक डिटेल्स की जांच करें।
क्या सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
नहीं। यह योजना केवल उन किसानों के लिए है जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। जो लोग सरकारी पेंशन 10,000 रुपये/माह से अधिक प्राप्त करते हैं, या डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे व्यवसायी हैं और उनकी वार्षिक आय 15 लाख रुपये से अधिक है, वे इसके लाभ से वंचित हैं।
22वां किस्त कब आएगा और कितनी राशि जारी होगी?
22वां किस्त फरवरी 2026 में जारी होने की उम्मीद है। इसमें भी लगभग 18,000 करोड़ रुपये की राशि 9 करोड़ किसान परिवारों को 2,000 रुपये प्रति परिवार के हिसाब से दी जाएगी। यह वित्तीय वर्ष 2025-26 का अंतिम भुगतान होगा।
PM-KISAN के तहत अब तक कुल कितनी राशि जारी की गई है?
21 किस्तों के बाद, PM-KISAN के तहत कुल 3.88 लाख करोड़ रुपये की राशि 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों तक पहुंच चुकी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सीधी लाभ हस्तांतरण योजनाओं में से एक है।
क्या यह योजना अगले साल भी जारी रहेगी?
हां। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसका मतलब है कि यह योजना आगे भी जारी रहेगी। यह एक स्थायी सामाजिक सुरक्षा योजना बन चुकी है, जो किसानों के आर्थिक स्थिरता के लिए एक आधार है।
