प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी द्वारा किए गए इस पोस्टरबाजी से दर्जनों गांव के ग्रामीण सहमे हुए हैं। संगठन इस तरह की पोस्टरबाजी कर अपने आप को शोषित, पीड़ित और गरीबों का मसीहा साबित कर रही है। संगठन ने अपने पोस्टर में प्रमुखता के साथ ये लिखा है कि, शोषण, दमन, बलात्कारी और हत्या के खिलाफ में व्यापक जनता गरज उठें। नक्सली जांच के नाम पर विस्थापित-प्रभावित निर्दोष जनता के साथ पुलिस मारपीट करना और झुठा एफआईआर दर्ज करना बंद करे। आम जनता को उनके जल-जंगल और जमीन से बेदखल करने वाली शिखंडी सरकार के खिलाफ मजदूर और किसान एकजुट हों। इसके अलावे भी जनता की सच्ची हितैषी साबित करने वाली और भी कई बातें पोस्टर में लिखी गई है।
वही पोस्टर को पुलिस जप्त कर जांच में जुटी है