पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों से हुई पुष्टि
रांची : राज्य के 24 जिलों से 148 बच्चे लापता हैं. वर्तमान में वे कहां और क्या कर रहे हैं, इसके बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है. इसकी पुष्टि विभिन्न जिलों की पुलिस द्वारा वर्ष 2019 में लापता लड़कों को लेकर तैयार किये गये आंकड़ों से भी होती है.
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से दिसंबर 2019 तक 201 लड़के लापता हुए. वहीं, इसी अवधि में 176 नाबालिग लड़कियां लापता हुईं. इस तरह कुल लापता लड़के-लड़कियों की संख्या 377 रही. इनमें से 229 लड़के-लड़कियाें को पुलिस ने ढूंढ निकाला. वहीं, कुल 148 बच्चे अब भी लापता हैं.
लापता होनेवालों में लड़कों की संख्या 75 और लड़कियों की 73 है.
सबसे अधिक लोहरदगा जिला से लापता हुए : आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक लड़के-लड़कियां लोहरदगा जिला से लापता हुए. दूसरे स्थान पर पलामू का स्थान रहा. यहां से 40 लोग लापता हुए. गिरिडीह तीसरे स्थान पर रहा, यहां से 38 लापता हुए. दूसरी ओर एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार झारखंड में 2016 में 479, 2017 में 420 और 2018 में 384 बच्चे लापता हुए थे.
एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार ही झारखंड में वर्ष 2018 में 18 वर्ष से कम उम्र के 331 लोग मानव तस्करी के शिकार हुए थे. इसमें 17 लड़के और 314 लड़कियां थीं. इस दौरान 18 वर्ष से कम उम्र के 103 लोगों को रेस्क्यू किया गया. झारखंड से वर्ष 2018 में 58 लोगों की मानव तस्करी बलपूर्वक काम और 18 लोगों की मानव तस्करी शारीरिक शोषण के लिए की गयी.
जनवरी से दिसंबर 2019 तक 201 लड़के और 176 नाबालिग लड़कियां हुईं लापता
जिला लड़के लड़कियां बरामद सुराग नहीं
रांची 04 05 00 09
खूंटी 08 12 16 04
गुमला 10 08 15 03
सिमडेगा 00 02 01 01
लोहरदगा 29 16 30 15
पूर्वी सिंहभूम 08 03 06 05
पश्चिमी सिंहभूम 05 16 10 11
सरायकेला 15 01 15 01
पलामू 16 24 35 05
लातेहार 03 01 02 02
गढ़वा 10 05 08 07
हजारीबाग 10 09 00 09
रामगढ़ 00 03 00 03
जिला लड़के लड़कियां बरामद सुराग नहीं
कोडरमा 07 06 12 01
चतरा 00 02 02 00
गिरिडीह 16 22 35 03
धनबाद 09 08 01 16
बोकारो 09 05 11 03
दुमका 02 05 05 02
गोड्डा 11 02 11 02
जामताड़ा 03 00 00 03
देवघर 18 10 11 17
साहिबगंज 00 02 00 02
पाकुड़ 04 01 02 03
रेल धनबाद 00 01 00 00
रेल जमशेदपुर 04 07 11 00
27 जून 2016 से लापता छात्र का अब तक सुराग नहीं
रांची. पूर्व फौजी डुमरदगा निवासी उमा शंकर का पुत्र 13 वर्षीय अभिषेक कुमार ट्यूशन जाने के लिए 27 जून 2016 को साइकिल लेकर निकला था.
लेकिन उसके बाद वह घर नहीं लौटा. वह दीपाटोली आर्मी स्कूल में नौवीं का छात्र था. पिता ने खेलगांव थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. मामले में कोताही बरतने पर तत्कालीन थाना प्रभारी को हटाया भी गया था. उमाशंकर ने बताया कि वह मामले को लेकर मुख्यमंत्री जन संवाद से लेकर सीनियर अधिकारियों के पास तक गये थे. लेकिन आज तक उनके बेटे के बारे में कुछ पता नहीं चला.
लापता और बरामद बच्चों के संबंध में पहले जिला पुलिस और सीआइडी से डाटा लेंगे. इसके बाद कुछ कह सकते हैं. मुरारी लाल मीणा
एडीजी अभियान सह वरीय प्रवक्ता