Home Jharkhand यूजीसी और रांची विश्वविद्यालय, रांची के नियम कानून को ताक पर रखकर...

यूजीसी और रांची विश्वविद्यालय, रांची के नियम कानून को ताक पर रखकर कार्तिक उराँव महाविद्यालय प्रबंधन, रातू यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने में लगा है

रिपोर्ट: डॉ.संजय प्रसाद की

राँची: रातू यूजीसी और रांची विश्वविद्यालय, रांची के नियम कानून को ताक पर रखकर कार्तिक उराँव महाविद्यालय प्रबंधन, रातू यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने में लगा है। एक तरफ जहां इसी वर्ष सत्र 17-20 की मान्यता समाप्त होनेवाली है तो दूसरी ओर नैक मूल्यांकन नहीं करानेवाले कॉलेजों को इसी वर्ष शटर बंद करने का निर्देश यूजीसी ने जारी कर दिया है। ऐसे में यहां के लगभग तीस कर्मचारी और सात सौ विद्यार्थियों के भविष्य पर ग्रहण लगता नज़र आ रहा है।
आधारभूत संरचनाओं का है घोर अभाव : डिग्री कॉलेज के संचालन के लिए यूजीसी द्वारा जो गाइड लाइन जारी किए गए हैं उनके सामने ये कॉलेज कहीं नहीं टिकता। कमरों का इतना अभाव है कि इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज दोनों एक ही कमरों में संचालित होती है, हालांकि कक्षाओं के समय अलग अलग हैं। प्रायोगिक विषयों के प्रयोगशाला की बात न ही किया जाय तो बेहतर। भूगोल और मनोविज्ञान के लैब में तो दो चार सामानों के अतिरिक्त केवल धूल फांकती फाइलें नजर आती हैं। वहीं होम साइंस के लैब को कमरों के अभाव में स्टाफ रूम बना दिया गया है। ऐसे में प्रैक्टिकल के विद्यार्थियों की स्थिति का अंदाजा लगाना सहज है।
बिना शिक्षक के चल रहा कॉमर्स विभाग : सबसे बुरी हालत तो कॉमर्स विभाग की है जो पिछले छः माह से बिना शिक्षक के ही चल रहा है। पूछने पर प्रिंसिपल डॉ मीना मिश्रा बताती हैं कि डोरंडा कॉलेज से गेस्ट फैकल्टी यहां क्लास लेने आते हैं। बताते चलें कि यहां पढ़ा रहे शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने के कारण कुछ दिन पूर्व लगभग दस दिनों में लिए पठन-पाठन को ठप्प करा दिया था, ऐसे में गेस्ट फैकल्टी की बात की सच्चाई का अंदाजा लगाना कोई मुश्किल बात नहीं।
इंटर की शिक्षिका ले रही डिग्री की क्लास : शिक्षकों का यहां इतना अभाव है कि इंटर का एक शिक्षक डिग्री वालों को जनजातीय भाषा कुडुख पढ़ा रहा है, ऐसे में डिग्री के छात्रों का क्या भविष्य होगा। इंग्लिश विभाग में भी शिक्षकों का यही हाल है। दूसरी सबसे बड़ी बात कि यहां पढ़ानेवाले अधिकांश शिक्षक केवल एमए डिग्रीधारी हैं।
इश्तेहार का बावजूद नहीं मिल रहे शिक्षक : प्रिंसिपल मीना मिश्रा के अनुसार शिक्षकों की बहाली के लिये उन्होने अखबार में दो-दो बार विज्ञापन निकाला पर जो आवेदन आये उनमें से कोई भी नेट या पीएचडी धारी नही है।
क्या कहते हैं वीसी :– रमेश कुमार पांडेय , वीसी, रांची विश्वविद्यालय रांची : वह कॉलेज सरकारी नही है, इस कारण मेरे अधिकार क्षेत्र से वह बाहर है। आप उनके संचालक से बात कीजिये।

Share this:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

fmovies moviesjoy primewire yesmovies 123 tv shows 123 series hd 123movies 123movies watch tv shows online free watch tv shows hd free watch anime online watch movies online free watch free tv series free watch movies online myflixer flixtor watch series online free swatchseries soap2day watchmovieshd watchserieshd