लोहरदगा के राजनीतिक कार्यकर्ता आलोक कुमार साहू ने कहा कि बिना आरक्षण के छठी जेपीएससी घोषित करके हेमंत सरकार ने झारखंडी अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया जो झारखंड वासियों के साथ न्याय संगत नहीं है ।श्री साहू ने कहा कि रघुवर सरकार ने बिना आरक्षण की जेपीएससी की मुख्य परीक्षा की तिथि घोषित किया था तो उस समय झारखंडी छात्र आंदोलनरत है तो उस समय विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन व तत्कालीन लोहरदगा के विधायक सुखदेव भगत ने सदन के अंदर एवं सदन के बाहर प्रदर्शन कर मुख्य परीक्षा को रद्द करने की मांग किए थे ।हेमंत सोरेन ने तत्कालीन सरकार को छात्र विरोधी, झारखंड विरोधी कहकर संबोधित किया था और सदन को बाधित भी किया था और उस समय हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि हमारी सरकार आते ही छठी जेपीएससी को रद्द करेंगे लेकिन सत्ता में आते ही वादा के विपरीत हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार और अनियमितता को बढ़ावा देने का काम किए हैं। हेमंत सोरेन आदिवासी हैं जो खुद आरक्षण की श्रेणी में आते हैं बावजूद बिना आरक्षण घोषित जेपीएससी पर कुछ नहीं कर रहे हैं ।श्री साहू ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से छात्र एवं झारखंडवासी काफी आक्रोशित है उन्होंने हेमंत सोरेन से अबिलंब अपने द्वारा किए गए वादा के अनुसार जीपीएससी को रद्द करके पूर्ण आरक्षण के साथ नियुक्ति करने की मांग करते हैं।
बिना आरक्षण के छठी जेपीएससी घोषित करके हेमंत सरकार ने झारखंडी अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया आलोक साहू
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