एनपीआर पर झारखंड सरकार अब तक खामोश क्यों?
केंद्र सरकार अपने अड़ियल रवैया के चलते देश के एकता,अखंडता और भाईचारे को नष्ट करने में लगी हैं
आज 45 वे दिन भी महिलाओं का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा
रांची: आज 45 वे दिन कडरू शाहीन बाग के अनिश्चितकालीन धरना में पिठोरिया, नाला रोड, भागलपुर,, सिमडेगा, हुसीर, भभुआ, बालू, पुनदाग, लोहरदगा, कनादु, सिसई, रामगढ़, आदि स्थानों से महिलाएं धरना में शामिल हुई। महिलाओं ने कहा कि धरना प्रदर्शन में जैसे-जैसे धरना प्रदर्शन का दिन बढ़ रहा है और एनपीआर के दिन करीब हो रहा है इसे देखकर लगता है कि राज्य सरकार कुंभकरण की नींद सोई हुई है। सरकार को झारखंड वासियों की कोई चिंता नहीं है। ज्ञात हो कि एनपीआर ही एनआरसी का पहला सीढ़ी है। जब देश में एनपीआर सहित एनआरसी लागू होगा तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान दलितों, पिछड़ों, भूमिहीनों, दबा कुचला, आदिवासियों और ना जाने लाखों लोग जो भूमिहीन हीन है,जो अनपढ़ हैं, जिनके पास जमीन नहीं है,मकान नहीं है, उन लोगों का क्या क्या होगा। सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। आज महिलाओं ने जोर देकर सरकार और पूरी कैबिनेट को लताड़ते हुए कहां के अब तक ना ही जेएमएम और ना ही कांग्रेस के तरफ से एनपीआर पर कोई बात आ रही है। महिलाओं ने फिर एक बार कहा कि पूरे देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। केंद्र सरकार मनमानी में उतर आई है। एक तरफ तो केंद्र सरकार सीएए जैसे काला कानून लाकर इस कानून के सुविधा से वंचित रखती है। तो दूसरी तरफ वहीं केंद्र सरकार इस काले कानून पर विरोध कर रहे लोगों पर अपने नेताओं के द्वारा भड़काऊ भाषण दिलवाकर विरोध कर रहे लोगों पर हमला करवा रही हैं। विरोध कर रहे लोगों का मकान दुकान जलाया जा रहा है। हत्याएं की जा रही है। और फिर उन्हीं के ऊपर केस दर्ज करके जेल में भी डाला जा रहा है। यह एक अन्याय का अद्भुत मिसाल है। जो हिटलर ने भी अपने शासनकाल में अपने विरोधियों का नहीं किया था। जो मोदी सरकार यहां के अल्पसंख्यकों के साथ कर रही है। आज पूरी दुनिया में मोदी सरकार के इस रवैए के खिलाफ आवाज उठ रही हैं। और अल्पसंख्यको के जानमाल, इज्जत आबरू की सुरक्षा की गुहार लगाई जा रहे हैं। हम महिलाओं को इस बात की काफी चिंता है कि केंद्र सरकार अपने अड़ियल रवैया के चलते देश के एकता, अखंडता भाई चारे को नष्ट करने में लगी है। खुशी इस बात की भी है कि अभी हमारे देश भारत में बहुत सारे सेकुलर सामाजिक गंगा जमुनी तहजीब के मानने वाले लोग, देश प्रेमी लोग, मानवता के चाहने वाले, शांति के प्रतीक करोड़ों लोग हैं। जो इस देश में सौहार्द और भाईचारे बनाए रखना चाहते हैं। जिनके कारण आज भारत बचा हुआ है। नफरत करने वालों से ज्यादा आज मोहब्बत करने वाले हैं।