RANCHI: ’एसिड अटैक सर्वाइवर रुहाना के अदम्य साहस की कहानी है फिल्म ‘एसिड‘ लखनऊ- एसिड अटैक सर्वाइवर लड़की रुहाना के अदम्य साहस की कहानी पर आधारित फिल्म एसिड ‘ऐसटाउन्डिंग करेज इन डिस्ट्रेस’ का प्रीमियर आईलेक्स हिनू में सफलतापूर्वक झारखंड मुक्ति मोर्चा की कद्दावर नेता एवं शिक्षाविद श्रीमती महुआ मांझी जी के आतिथ्य में रिलीज एवं संपन्न हुआ । इस मौके पर फिल्म की लीड एक्ट्रेस व डायरेक्टर प्रियंका सिंह ऑल झारखंड आर्टिस्ट कल्चर एसोसिएशन के श्री प्रणव कुमार बब्बू जी ,रंजीत बिहारी जी ,अतिराज सिन्हा , ,गोल्डन जिम महिलाओं के लिए की रविंद्र कौर, इस सारे इवेंट को करने वाले सत्यार्थ प्रोडक्शन के आकाश सिन्हा एवं प्रियांशु तुरिया एवं पि.जे एच.आर.एफ. के डॉक्टर आरिफ नासिर बट ,झारखंड के महानायक श्री नंदलाल नायक एवं अन्य मौजूद थे।
फिल्म की लीड एक्ट्रेस व डायरेक्टर प्रियंका सिंह ने अपनी रिलीज होने वाली फिल्म एसिड की कहानी की जानकारी फिल्म रिलीज होने से पहले रेड कारपेट एरिया में उन्होने बताया कि “आजादी के 70 साल बाद भी हमारे समाज का एक वर्ग ऐसा है जिसे अपनी संकीर्ण मानसिकता से मुक्ति नहीं मिली है। यह पुरुष प्रधान समाज का एक खंड है जो महिलाओं को पुरुषों से नीचा मानता है और उन्हें उस सम्मान से वंचित करता है जिसके वे हकदार हैं। महिलाएं एक समाज की जननी होती हैं और महिलाओं का सम्मान किए बिना एक अच्छा समाज कभी नहीं बनाया जा सकता है। समाज में ऐसी महिलाएं हैं जो अपने अधिकारों के लिए लड़ने का फैसला करती हैं। एसिड ‘ऐसटाउन्डिंग करेज इन डिस्ट्रेस’ फिल्म् एक ऐसी लड़की रूहाना की कहानी है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी उम्मीद नहीं खोती है और अपने अधिकारों के लिए बहादुरी से लड़ती है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है। रूहाना समाज के लिए एक आदर्श बन जाती है। प्रतापगढ़ के एक गरीब मुस्लिम परिवार में पैदा हुई रूहाना अपने माता-पिता की एक प्यारी सी बेटी है। उसके माता-पिता उसे शिक्षित करना चाहते हैं ताकि वह जीवन में सफल हो सके। रुहाना एक मेहनती लड़की भी है। छोटा परिवार बहुत खुश है लेकिन एक दिन एक दुर्घटना में अब्बू (रुहाना के पिता) की मृत्यु हो जाती है।
अब परिवार के लिए एक बड़ा संघर्ष शुरू होता है। गरीबी उनके लिए दुःस्वप्न बन गई है। रुहाना को खबर मिलती है कि उसके स्कूल ने 5000 रुपये की पुरस्कार राशि के साथ एक दौड़ का आयोजन किया है। रुहाना दौड़ में अपना नाम दर्ज करवाती है। वह अपनी मां शबाना से यह बात छिपाती है क्योंकि उसने बोर्ड की परीक्षाओं के कारण रूहाना को दौड़ में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी। अभिषेक रुहाना के स्कूल में खेल शिक्षक है और वह इस दौड़ के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षित कर रहे है। वह रूहाना की हार्डवर्क से प्रभावित हो जाते है और उसे विशेष रूप से प्रशिक्षित करते है।
इस बीच, रूहाना का दूर का रिश्तेदार, बिलाल एक संपत्ति देखने के लिए दुबई से भारत आता है। रुहाना बिलाल को फादर फिगर के रूप में लेती हैं। कुछ समय बाद वह वापस दुबई चला जाता है। शबाना एक दुकान में काम करने लगती है। वह गलतियाँ करती है और अपमानित होती है। रुहाना के लिए यह दर्दनाक है और इसलिए वह अपनी मां को दुकान के सभी उत्पादों के बारे में एक प्रशिक्षण देती है। इससे शबाना का काम बहुत आसान हो गया है। रूहाना परिवार की सभी जिम्मेदारियों को निभाती है और साथ ही साथ दौड़ और बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी करती है।
बिलाल भारत वापस आता है और इस बार वह शबाना, रूहाना के साथ शादी के लिए लड़की देखने जाता है। वह लड़की को अस्वीकार कर देता है और रूहाना पूरी घटना का मजाक उड़ाती है। एक दिन, बिलाल अपने दोस्तों के साथ बैठा है और वे शादी के बारे में बात करते हैं। उसके दोस्त उसे रूहाना से शादी करने की सलाह देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वह उससे प्यार करती है कि वह उसके इतने करीब क्यों आ रही है। इससे बिलाल के सोचने का तरीका बदल गया और उन्होंने इस प्रस्ताव को शबाना के सामने रखा। शबाना ने बिलाल को उन्हें छोड़ने के लिए कहा जिससे वह उग्र हो गया और उसने उनसे बदला लेने का फैसला किया। वह रुहाना के खेल शिक्षक अभिषेक पर भी हताशा में हमला करता है। शबाना और रूहाना यह सब भूल जाती हैं और खुशी से रहने लगती हैं। रुहाना न केवल दौड़ में प्रथम स्थान पर रही बल्कि अपनी बोर्ड परीक्षा में भी अव्वल रही। सब कुछ अच्छा चल रहा है लेकिन अचानक कुछ ऐसा होता है जो उसके भविष्य, उसके सपनों, उसके जीवन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। एक एसिड अटैक जो न केवल उसके शरीर को बल्कि उसके सपनों को भी जला देता है। उसका भविष्य उसके दृढ़ निश्चय पर ही निर्भर करता है। रूहाना की इसी इच्छाशक्ति और साहस की कहानी है एसिड ‘ऐसटाउन्डिंग करेज इन डिस्ट्रेस’।
कास्ट- प्रियंका सिंह (लीड कैरेक्टर रूहाना) ममता वर्मा (रूहाना की माँ – शबाना) एवं मान सिंह (मुख्य लीड विलेन – बिलाल)
प्रोडक्शन- प्रियंका सिंह (निर्देशक), पीएस फिल्मक्राफ्ट इंटरनेशनल (निर्माता), अरजन्या आनंद (लेखक), बीरेंद्र कुमार (ऑनलाइन एडिटर), श्रीकांत पटनायक (सिनेमैटोग्राफी), पंकज उनियाल (कहानी, स्क्रीनप्ले), संदीप सेठी (संपादक), आशीष मोहंती (संगीत और बीजीएम), देव सिंह (कार्यकारी निर्माता), कादिर खान (लाइन निर्माता) और जयप्रकाश सिंह, रोहित (प्रोडक्षन प्रमुख)
प्रियंका सिंह के बारे में….
प्रियंका सिंह ने जेवियर इंस्टीट्यूट से 2014 में मास मीडिया में अपना अध्ययन पूरा किया … बाद में मुंबई चली गईं और कई प्रोडक्शन हाउस के साथ अभिनय और निर्देशन के तहत अपने करियर की शुरुआत की … 2015 से उन्होंने लघु फिल्मों और वृत्तचित्र फिल्मों में स्वतंत्र दिशा शुरू की और अभिनय भी किया। … उसने 40 लघु फिल्मों और 05 वेब श्रृंखला और 2 वृत्तचित्र में अभिनय किया और 80 से अधिक लघु कहानियों और 10 वृत्तचित्र फिल्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए 14 वेब श्रृंखला का निर्देशन किया … उन्होने 2016 में अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। फिल्म एसिड ‘ऐसटाउन्डिंग करेज इन डिस्ट्रेस’ जिसमें प्रियंका मुख्य किरदार में है, रिलीज के लिए तैयार है पोस्ट प्रोडक्शन का काम पूरा कर चुका है और जल्द ही रिलीज होगी … अब वह आने वाली फिल्मों में जाने-माने प्रोडक्शन हाउस के साथ प्रमुख अभिनेत्री के रूप में काम कर रही हैं … फिल्म की स्क्रीनिंग खत्म होने के बाद पूरी फिल्म देखने के बाद मुख्य अतिथि श्री महुआ मांझी जी ने फिल्म के सब्जेक्ट को बहुत सराहा और समाज की कृतियां के ऊपर काम करने के लिए फिल्म की एक्ट्रेस और प्रोड्यूसर प्रियंका सिंह को तहे दिल से बधाई दी और झारखंड में इस तरीके की फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे यहां के लोगों को भी रोजगार मिल सके और पलायन माया नगरी की तरफ होने से रुके
Good luck
good by