रांची: झारखंड की राजधानी रांची के कडरू शाहीनबाग में महिलाओं का 14 वे दिन भी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा। महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि हम देश को तोड़ने वाले कानून को स्वीकार नहीं कर सकते। यह कानून देश हित में नहीं है। संविधान के खिलाफ है। केंद्र सरकार जिद छोड़ कर यह कानून वापस ले। आज 2 फरवरी दिन रविवार को सबसे ज्यादा भीड़ रहा। महिलाओं का हुजूम सबसे ज्यादा देखा गया। रांची और आसपास के स्थानों से सबसे ज्यादा भीड़ कडरू शाहीनबाग पहुंचा। सिसई, चकला, बेड़ो, नया सराय, काटम कुल्ली, बना पीढ़ी समेत दर्जनों गांव से महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी के हाथों में तिरंगा झंडा नजर आया। तिरंगा झंडा का एक लंबा यात्रा के साथ महिलाएं धरना स्थल पहुंची। महिलाओं ने कहा कि हम अलग अलग कोने से आकर यहां विरोध कर रहे है। केंद्र सरकार सीएए, एनपीआर, एनआरसी को खत्म करें। और झारखंड सरकार केरल, राजस्थान, पंजाब के तर्ज पर एनआरसी, सीएए, एनपीआर नहीं लाने का प्रस्ताव सदन से पारित करें। सभी महिला अपने साथ बैनर पोस्टर लेकर धरना स्थल पर पहुंची। और कहां के अब नफरत नहीं चलेगा। मुंबई के जाने-माने शायर हुसैन हैदरी कडरू शाहीन बाग धरना में शामिल हुए। उनका बोल था हम गोली नहीं चलाएंगे, हम डंडे नहीं चलाएंगे, हम नफरत को मोहब्बत से मिटायेंगे। हम अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। हम अपने संविधान को बचाएंगे। हम गांधी जी, अम्बेडकर जी के बताए रास्ते पर बढ़ेंगे। बच्चों ने भी अपने अंदर का जोश बाहर लाते हुए देशभक्ति गीत और तराना प्रस्तुत किए। रांची यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने कहा के यह काला कानून केंद्र सरकार वापस ले। हम अपने छात्र संघ के द्वारा सभी कॉलेज यूनिवर्सिटी में जाकर जनसंपर्क चलाएंगे। संविधान की सुरक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा। वहीं स्वाति घोष ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि हमारी लड़ाई जीत की तरफ जा रही है। मोदी और अमित शाह अब ज्यादा दिन तक देश में नफरत नहीं फैला सकते। क्योंकि अब नौजवान समझने लगे हैं। वही नुसी बेगम ने कहा कि इस आंदोलन को कुछ लोग कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा। यह लड़ाई दिल्ली के शाहीन बाग से उठा था लेकिन अब यह लड़ाई पूरे विश्व की हो गई है। मानवता की बात करने वाला मानवता के चाहने वाले हर शख्स इसमें शामिल हो गए है। विश्व में रहने वाले भारत के लोग भी वहां सीएए, एनआरसी के विरोध में मार्च कर रहे हैं। यह काला कानून हिंदुस्तानी सभ्यता को खत्म करता है। यह काला कानून भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, और देश के स्वतंत्रता सेनानी को तकलीफ पहुंचाने वाला है, और पहुंचा रहा है। इसलिए हम इस काले कानून का विरोध कर रहे हैं।
हाथ मे हाथ पकड़कर चेन बनाकर वोलेंटियर्स ने संभाला ट्रफिक व्यवस्था
कडरू शाहीन बाग मैं आज भीड़ ज्यादा होने के कारण वालंटियर ने एक दूसरे के हाथ में हाथ पकड़ कर एक चेन बनाकर ट्रैफिक व्यवस्था को संभालते नजर आए। वोलेंटियर्स रोड के दोनों तरफ एक चेन बनाकर खड़े हो गए। ताकि भीड़ रोड पर ना जा सके। और ट्रैफिक बाधित ना हो।