रोजगार में झारखण्ड सरकार की मनरेगा योजना सशक्त हत्यार है:- खिजरी विधायक राजेश कच्छप।
रांची जिला के ओरमांझी प्रखंड में सरकार की पहली दीदी बाड़ी योजना का उद्घाटन।
ओरमांझी प्रखंड के कोवालु गांव में चिन्हित मनरेगा योजना की अच्छी शुरुवात।
रांची ब्यूरो:- झारखण्ड सरकार की पहल से रोजगार गारंटी योजना अधिनियम एवं दीदी बाड़ी योजना का उद्घाटन ओरमांझी प्रखंड कोवालु गांव में माननीय खिजरी विधायक राजेश कच्छप और उप विकास आयुक्त की उपस्थिति में विधिवत तरीके से और दूरियाँ बनाते हुए सुभारम्भ हुआ।
रांची जिला अंतर्गत ओरमांझी प्रखंड के कोवालु गांव में रोजगार गारंटी योजना अधिनियम एवं दीदी बाड़ी योजना सरकार एक महत्वकांक्षी योजना है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों के लिए लोगों की आहार प्रणाली को बदलने का काम करेगा और कुपोषण से लोगों को निजात दिलाएगा। दीदी बाड़ी योजना के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को न्यूनतम 1 डिसमिल जमीन से लेकर अधिकतम 5 डिसमिल जमीन पर उनके किचन गार्डन के कंसेप्ट को साकार करने वाला है। कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। इसमें न केवल साग सब्जी के छिलके बल्कि घरों में निकलने वालों कचरे से ऑर्गेनिक कंपोस्ट बनाकर उनको इसी बाड़ी में उपयोग करने का प्रावधान भी है। अत्यधिक पोषक तत्वों से युक्त साग सब्जी जैसे मोरिंगा ,पपाया, लेमन, पालक ,पोशाक लता वाली सब्जियां, गंधारी साग, इसके साथ ही बैंग साग, धनिया पत्ता, मेथी ,बैंगन ,पालक ,गोभी, टमाटर, मिर्ची इत्यादि के पौधे इनमें लगाए जाएंगे और जिसका लाभ उस परिवार को ही मिलेगा। ओरमांझी प्रखंड में दो हजार परिवारों को दीदी बाड़ी योजना से आच्छादित किया जा रहा है। इसी क्रम में आज कोवालू गांव में रोजगार गारंटी योजना अधिनियम एवं दीदी बाड़ी योजना का उद्घाटन माननीय खिजरी विधायक राजेश कच्छप और रांची उप विकास आयुक्त की उपस्थिति में सुभारम्भ हुआ।
दीदी बाड़ी योजना का कार्य प्रारंभ हुआ। इसके लिए जिला से खिजरी विधायक राजेश कच्छप, उप विकास आयुक्त महोदय योजना का शुभारंभ करने के लिए कोवालु गांव पहुचे। यह योजना न्यूनतम 10000 से लेकर अधिकतम 25000 तक की योजना है। जिसको मनरेगा एवं जे एस एल पी एस के अभिसरण से अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इससे ग्रामीण परिवार को एक ओर जहां स्वरोजगार मिल पाएगा। उनकी आमदनी बढ़ पाएगी वहीं कुपोषण जैसी समस्या से पूरा ग्रामीण क्षेत्र मुक्त हो पाएगा।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ओरमांझी श्री कुमार अभिनव स्वरूप ने बताया कि इस योजना से ओरमांझी के ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 3 करोड रुपए की लागत से 2,000 दीदी बाड़ी बनाए जाएंगे जो आने वाले दिनों में कुपोषण से मुक्ति दिलाने में क्रांतिकारी और कारगर कदम साबित होंगे।